उन्नाव

नर्स मौत मामले में नया खुलासा: प्रेमी ने खोला बड़ा राज, कॉल डिटेल ने पलट दिए कई दावे

सुजीत गुप्ता
2 May 2022 10:55 AM IST
नर्स मौत मामले में नया खुलासा: प्रेमी ने खोला बड़ा राज, कॉल डिटेल ने पलट दिए कई दावे
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शव को उतारती पुलिस 

उन्नाव जिले के बांगरमऊ में अस्पताल में नर्स के शव मिलने के मामले में रविवार को नया मोड़ आ गया। पुलिस ने जिस मामले में गैंगरेप और हत्या की रिपोर्ट लिखी, वह प्रेम संबंध का निकला। पुलिस का कहना है कि प्रेमी ने फोन नहीं उठाया तो नर्स ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

पुलिस का कहना है कि दोनों में एक दूसरे से डेढ़ साल से संबंध थे। दोनों अस्पताल में ही काम करते थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी से मौत की पुष्टि बताई जा रही है। आसीवन थाना क्षेत्र के टिकाना गांव की युवती बांगरमऊ अस्पताल में नर्स थी। शनिवार को उसका शव अस्पताल में लटकता मिला था। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि युवती की मां ने शक जाहिर किया था कि गैंगरेप के बाद बेटी की हत्या की गई होगी।

पुलिस ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मामले की जांच कराई गई और सीडीआर निकाला गया तो कहानी पूरी उलट थी। एसपी ने बताया कि संदीप नाम के एंबुलेंस चलाता है। डेढ़ साल से उसका नर्स से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती दूसरे संप्रदाय की थी और उससे शादी करने का दबाव बना रही थी। उसने 28 अप्रैल को युवती को दुल्लापुरवा स्थित न्यू जीवन नर्सिंगहोम में नर्स के काम पर रखवा दिया।

बताया कि संदीप को युवती ने घटना वाली रात को फोन किया पर उसने फोन नहीं उठाया। उसके बाद मैसेज किया, फिर भी जवाब नहीं मिला। युवती ने उसके करीबी दोस्त को फोन किया और बोली कि बात करा दो। शनिवार सुबह साढ़े छह बजे तक युवती ने संदीप से बात करने की कोशिश की पर बात नहीं हुई। 7.30 बजे भी नर्स ने उसे फोन किया था। उसने फोन नहीं उठाया। आठ बजे युवती ने छत पर जाकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उन्होंने कहा कि विवेचना में पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। एसपी ने यह भी बताया कि युवती के पास जो सिम कार्ड है वह संदीप के नाम से है। दोनों की लगातार बात हुआ करती थी।

जांच करने पहुंचे एसीएमओ को नर्सिंग होम में मिला ताला

नर्सिंग होम का पंजीकरण न होने की जानकारी पर रविवार को सीएमओ ने एसीएमओ डॉ. ललित कुमार को जांच के लिए भेजा। दोपहर बाद पहुंचे एसीएमओ को वहां ताला बंद मिला। वह किसी का बयान भी दर्ज नहीं कर पाए। उसके बाद वह सीधे कोतवाली पहुंचे। वहां कोतवाल बृजेंद्रनाथ शुक्ला को अस्पताल का पंजीकरण न होने का लिखित बयान दर्ज कराया। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि जांच पूरी नहीं हो पाई।

बता दें कि मृतका के पिता की सात वर्ष पहले मृत्यु हो गर्ई थी। मृतका आठ बहनों में चौथे नंबर की थी। तीन बहनों का विवाह हो चुका है। मृतका की मां के अनुसार उसके कोई बेटा न होने से परिवार का खर्च व बहनों कीं परवरिश के लिए उसकी इस बेटी ने नौकरी की शुरुआत की थी। उसे क्या पता था कि बेटी को इतनी दर्दनाक मौत दे दी जाएगी।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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