उत्तर प्रदेश

यूपी चिकित्सा का बनेगा हब, CM योगी ने बनाया ये प्लान

Sakshi
29 March 2022 3:00 AM GMT
Muslim youth Murder voting BJP, CM Yogi ordered
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योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
आयुर्वेद को बढ़ावा देकर चिकित्सा पर्यटन, रोजगार और औषधीय खेती को व्यापक फलक दिया जा सकता है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संकट में दुनिया ने आयुर्वेद की महत्वता को स्वीकार किया है। आयुर्वेद को बढ़ावा देकर चिकित्सा पर्यटन, रोजगार और औषधीय खेती को व्यापक फलक दिया जा सकता है। शोध और अनुसंधान और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। यूपी आयुर्वेदिक चिकित्सा का हब बनेगा।

बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बीएएमएस प्रथम वर्ष के नवागत विद्यार्थियों के लिए दीक्षा पाठ्यचार्य के उद्घाटन समारोह को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। वह विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संकट में दुनिया ने आयुर्वेद की महत्ता को स्वीकार किया। आयुर्वेद को बढ़ावा देकर चिकित्सा पर्यटन, रोजगार और औषधीय खेती को व्यापक फलक दिया जा सकता है। शोध और अनुसंधान पर जोर देकर निर्यात और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है। यूपी आयुर्वेदिक चिकित्सा का हब बनेगा।

योगी ने कहा कि देश में मेडिकल टूरिज्म की शुरुआत आयुर्वेद ने ही की है। कई राज्यों ने आयुर्वेद के जरिये आरोग्यता के साथ रोजगार का अवसर भी बढ़ाया। कोरोना से पूर्व विश्व में लोगों के जेहन में आयुर्वेद के प्रति हीन भावना थी। इस वजह से इस पद्धति का विकास सही तरीके से नहीं हो सका। इस क्षेत्र में रिसर्च का भी अभाव था। अब हालात तेजी से बदले हैं। पंचकर्म एवं अन्य आयुर्वेदिक पद्धतियां पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई हैं। यह पद्धति इलाज के साथ रोजगार का भी सृजन कर रही है।

कोरोना नियंत्रण में आयुर्वेद का अहम योगदान

सीएम ने कहा कि कोरोना काल के दौरान 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में करीब 23,400 लोगों की मौत हुई जबकि इसी संक्रमण में 12 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र में एक लाख से अधिक मौतें हो गईं। यही नहीं दो करोड़ की आबादी वाले दिल्ली में भी 30,000 से अधिक लोगों की मौतें हुई। प्रदेश में कोरोना नियंत्रण में आयुर्वेद का भी अहम योगदान रहा है। शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने कोरोना संकट के दौरान आयुर्वेद का काढ़ा न पिया हो।

उत्तर प्रदेश असीम संभावनाओं का प्रदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी असीम संभावनाओं का प्रदेश है। यहां की भूमि उर्वर है तो प्रचुर जल संसाधन भी है। आयुर्वेद को बढ़ावा देकर हर्बल खेती के लिए प्रेरित किया जाए। हर्बल उपज के लिए बाजार की तलाश हो। इससे किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण गोरखपुर में किया जा रहा है। प्रदेश में आयुर्वेद के 67, होम्योपैथ के 12 व यूनानी चिकित्सा पद्धति के 15 कॉलेज हैं। ये सभी आयुष विश्वविद्यालय से जुड़कर उत्तर प्रदेश को परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के नए हब के रूप में विकसित करेंगे।

पांच डॉलर में हल्दी का पानी पी रहे थे अमेरिकी

सीएम ने पूर्व डीजीपी के पोते से मिली जानकारी को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका से आए युवक ने उनसे हल्दी के पानी की विशेषता जाननी चाही। कहा कि न्यूयॉर्क में एक भारतीय की दुकान पर कतार लगाकर अमेरिकी हल्दी का पानी पी रहे थे। आधे कप पानी के लिए पांच डॉलर का भुगतान भी कर रहे थे। युवक को सीएम ने बताया कि हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। यह भारतीय भोजन का अनिवार्य हिस्सा है। इसका प्रयोग हजारों साल से होता आया है। वास्तव में हल्दी के जरिये यह भारतीय आयुर्वेद की ताकत है जिसे संकट काल में पूरी दुनिया ने माना, पहचाना और अंगीकार किया। आयुर्वेद जीवन की संजीवनी है, इसे आत्मसात करने की जरूरत है।

सीएम ने कहा कि हमें आयुर्वेद पद्धति पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। यह प्राचीनतम और सटीक इलाज की पद्धति है। उन्होंने संस्थाओं से आग्रह किया कि आयुर्वेद में शोध व अनुसंधान को बढ़ावा दें। आयुर्वेद व्यापक संभावनाओं का क्षेत्र है। ये संभावनाएं आरोग्यता, रोजगार और कृषि से जुड़ी हैं। इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखनाथ की धरती पर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय प्रारंभ हुआ है। इसका लक्ष्य परंपरागत चिकित्सा पद्धति को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है। गुरु गोरखनाथ की धरती योग के लिए भी ख्यातिलब्ध है। महा हठयोगी गुरु गोरखनाथ ने योग के व्यवहारिक व क्रियात्मक व्यवस्था का भी शुभारंभ किया था। इस अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, बोर्ड ऑफ आयुर्वेद के अध्यक्ष प्रो. बीएस प्रसाद, महायोगी गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के प्रति कुलाधिपति प्रो. यूपी सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. पी. सुरेश, जिलाधिकारी विजय किरन आनंद के साथ ही फैकल्टी, अभिभावक व छात्र मौजूद रहे। बीएएमएस प्रथम वर्ष के दीक्षा पाठ्यचर्या समारोह के पहले दिन दोपहर 12 से सायं चार बजे के बीच दो सत्रों में प्राचार्य व फैकल्टी के साथ अभिभावकों व विद्यार्थियों से संवाद हुआ।

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