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यूपी पंचायत चुनाव : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची जारी, जानें- आपके जिले में क्या है सीट?
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए योगी सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की सूची जारी कर दी है. पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित हैं. वहीं 12 सीट महिला और 27 सीटें ओबीसी के खाते में गई हैं. इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष की 16 सीटें एससी में आरक्षित की गई हैं.
वहीँ ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित,113 महिला,223 ओबीसी और 171 एससी जबकि पहली बार 5 पद एसटी कैटेगरी के लिए रखे गए हैं.
ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित, 9739 महिला सीट,15712 ओबीसी और 12045 एससी जबकि 330 एसटी के लिए रिज़र्व हुए हैं.
देखिये- सूची, आपके जिले की क्या रही सीट?
पूरे प्रदेश में 2 जिला पंचायत ऐसी हैं जो आज तक एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित ही नहीं हुईं. वहीं, 7 जिला पंचायतें ऐसी हैं, जो कभी भी महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुईं. ऐसी जिला पंचायतों को वरीयता मिलेगी.
पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी. जो पद या सीटें एससी-एससी या महिला के आरक्षित थे, वे इस बार अनारक्षित और ओबीसी के हो सकते हैं. कोई भी ऐसा पद जो आज तक एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ, वह एससी के लिए आरक्षित हो सकता है. ऐसा ही ओबीसी और महिला सीटों और पदों के लिए भी होगा.
इससे पहले गुरुवार को शासन ने आरक्षण नीति जारी कर दी थी। नीति में साफ है कि वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए आरक्षण की जो स्थिति थी, वह इस बार बदलेगी। आरक्षण नीति में वर्ष 1995 से 2015 तक तय आरक्षण को संज्ञान में रखा जाएगा। उधर, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर परिसीमन को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है।
जल्द तय होगी ग्राम पंचायतों के आरक्षण की स्थिति
मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 826 ब्लॉकों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा. जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी. डीएम 2 से 3 मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र और जिला पंचायत के आरक्षित प्रदेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्तावित सूची का प्रकाशन करके आपत्तियां मांगेंगे. 4 मार्च से 8 मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती हैं. 10 से 12 मार्च के बीच आपत्तियों को निपटाते हुए फाइनल सूची तैयार की जाएगी. 15 मार्च तक जिला अधिकारी को निदेशालय को आरक्षण की अंतिम सूची उपलब्ध करवाने को कहा गया है.
बीडीसी और प्रधान की सीट पर ऐसा होगा आरक्षण
सिंह ने बताया कि 826 क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों में से पांच अनुसूचित जनजाति के होंगे, जबकि 171 अनुसूचित जाति के और पिछड़ा वर्ग के 223 होंगे. ग्राम प्रधानों 330 अनुसूचित जनजाति से, 12,045 अनुसूचित जाति से और 15,712 पिछड़ी जाति से होंगे.