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Lucknow: बिजनौर IED ब्लास्ट मामले में पांच दोषी करार, एनआईए की विशेष अदालत ने सुनाई सजा
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में आईईडी विस्फोट के एक मामले में लखनऊ में एनआईए की विशेष अदालत ने पांच दोषियों को सजा सुनाई है। ये मामला साल 2014 सितंबर का है। 12 तारीख सितंबर को मोहल्ला जाटान में एक विस्फोट हुआ था। जानकारी के अनुसार, धमाका करने वाले आरोपी बिजनौर के एक मकान में हिंदू नामों से ठहरे हुए थे। ये धमाका करीब 10:45 बजे हुआ था।
इस मामले में एनआईए ने हुसना, अब्दुल्ला, रईस अहमद, नदीम और फुकरान को सजा सुनाई है। मोहल्ला जाटान में लीलो देवी घर 12 सितंबर 2014 को ब्लास्ट हुआ था। इस साजिश के तार सिमी से जुड़े थे। एनआईए ने करीब छह महीने बाद इस केस को रीरजिस्टर किया था। 3 फरवरी 2018 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
तीन राज्यों की पुलिस ने सर्च अभियान चलाया
विस्फोट के बाद फरार आतंकियों की तलाश शुरू हुई। इसके लिए तीन राज्यों की पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। पुलिस ने स्थानीय लोगों को आतंकियों के फोटो दिखाकर कई मोहल्लों में घरों की तलाशी ली। इसमें पूणे, भोपाल, मेरठ और स्थानीय फोर्स की 48 टुकड़ी रात तक जुटी रहीं।
सिमी का नाम सामने आया
इस मामले में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का नाम सामने आया था। कहा गया था कि सिमी पर प्रतिबंध के बाद स्लीपर सेल एक्टिव हुआ और उसके लिए काम करने वाले आरोपियों ने हिंदू नाम से बिजनौर में किराए पर घर लिया। इस घर से 20 माचिस की डिब्बी, एक छोटा एलपीजी सिलेंडर, तार, दो इलेक्ट्रॉनिक चिप्स (सर्किट) और धातु पाइप से भरे बंडलों से भरे दो डिब्बों की बरामदगी की गई थी।
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