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ज्ञानवापी मामले में अब कोई नया पक्षकार नहीं!मसाजिद कमेटी पर ₹100 का जुर्माना...
ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए दी गई सभी एप्लिकेशन को खारिज कर दिया। इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए वादी हिंदू पक्ष की मांग पर कोर्ट ने सुनवाई की।
वादी पक्ष की मांग पर प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के एडवोकेट के द्वारा आपत्ति न दाखिल करके समय मांगा गया। इस पर कोर्ट ने 100 रुपए का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही केस की सुनवाई की अगली डेट 2 नवंबर फिक्स कर दी।
17 अक्टूबर को 5 एप्लिकेशन हुई थी खारिज
मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए दी गई 5 एप्लिकेशन को बीती 17 अक्टूबर को सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में पहले से समर्थ लोग पक्षकार हैं। वादी को बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वह किसी अन्य को पक्षकार बनाए।
शेष 3 अन्य एप्लिकेशन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना ऑर्डर 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने कहा कि वादिनी 5 महिलाओं के अलावा इस केस में किसी अन्य के पार्टी बनने की कोई जरूरत नहीं है।
इसके अलावा वादिनी महिलाओं ने ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की पूर्वी दीवार और नंदी के मुंह के सामने वाले तहखाने की उत्तरी दीवार को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग की। साथ ही, ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग की पश्चिमी दीवार के बंद दरवाजे को तोड़ कर एडवोकेट कमिश्नर को कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग कोर्ट से की।
इस मांग पर भी सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 अक्टूबर की डेट फिक्स की थी। वादिनी महिलाओं की मांग पर आपत्ति पेश करने की बारी आई तो मसाजिद कमेटी की ओर से उनके सीनियर एडवोकेट पेश नहीं हुए और समय मांगा गया। वादिनी महिलाओं की ओर से कहा गया कि हमने बीती 17 मई को ही यह एप्लिकेशन दी थी। वहीं, वादिनी राखी सिंह द्वारा दाखिल एप्लिकेशन पर भी कोर्ट 2 नवंबर को सुनवाई करेगी। इस एप्लिकेशन के माध्यम से कारमाइकल लाइब्रेरी में मिली गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति को संरक्षित करने की मांग की गई है।
इस पर कोर्ट ने मसाजिद कमेटी पर 100 रुपए का जुर्माना लगाते हुए जिला जज की अदालत में सुनवाई की अगली डेट 2 नवंबर नियत कर दी।