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बाप-बेटे सहित 3 को फांसी, महिला को उम्रकैद की सजा: वाराणसी में 10 साल पहले हुई 4 लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला
वाराणसी के बेनियाबाग स्थित कब्रिस्तान में हुई 4 लोगों की हत्या के मामले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दोषी पाए गए 4 अभियुक्तों को शुक्रवार को सजा सुनाई। कोर्ट ने अभियुक्त अमजद व उसके पुत्र अरशद और रमजान को मृत्युदंड और शकीला को उम्रकैद की सजा सुनाई है। शकीला को कोर्ट ने 75 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है। जुर्माने का आधा पैसा पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। कोर्ट ने बीती 1 अक्टूबर को चारों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। वहीं, आरोपी इकबाल राइन पर आरोप सिद्ध न हो पाने पर उसे दोषमुक्त किया था। अदालत में अभियोजन की ओर से डीजीसी आलोक चंद्र शुक्ला और वादी के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह व मोहम्मद फौजुद्दीन खान ने पक्ष रखा।
16 जून 2012 को दर्ज हुआ था केस
अभियोजन पक्ष के अनुसार सरायगोवर्धन, चेतगंज निवासी सईद उर्फ काजू ने 16 जून 2012 को चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उसका आरोप था कि उसके दो भाई मो. शफीक उर्फ राजू और मो. शकील उर्फ जाऊ भतीजे चांद रहीमी और शालू के साथ बाबा रहीम शाह की मजार से निकल कर अपने घर की ओर जा रहे थे। उसी दौरान उन्हें अमजद, अरशद, इकबाल राइन, रमजान और अमजद की पत्नी शकीला व उसकी बेटी शबनम सहित अन्य ने कब्रिस्तान के समीप घेर लिया था। इसके बाद सभी ने बांस के डंडे से बेतहाशा सिर और शरीर पर मारना शुरू कर दिया था।
2 लोगों की अस्पताल में मौत हुई थी
सईद उर्फ काजू के अनुसार, शोर सुनकर मजार की साफ-सफाई करने वाले कामिल भाई और भतीजा बीच-बचाव करने पहुंचे तो सभी हमलावरों ने उन्हें भी मारा-पीठा था। पिटाई से मौके पर ही शफीक उर्फ राजू व कामिल भाई की मौत हो गई थी। बाकी घायलों को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में शकील उर्फ जाऊ की मौत हो गई थी। इस घटना में गंभीर रूप से घायल चांद रहीमी की कुछ दिनों बाद उपचार के दौरान मौत हुई थी। अदालत में अभियोजन की ओर से विचारण के दौरान 14 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अदालत ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद बीती 1 अक्टूबर को शकीला, अमजद, रमजान और अरशद को दोषी करार किया था। सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज तीन अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा सुनाई और शकीला को उम्रकैद की सजा से दंडित किया है।