- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- वाराणसी
- /
- वाराणसी में "एआरटी...
वाराणसी में "एआरटी सेंटर" दे रहा है एचआईवी संक्रमितों को नई जिंदगी....
कंपटीशन परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली गये रामनगर निवासी शशांक, 23 वर्ष (परिवर्तित नाम ) का वहां पर एक युवती से शारीरिक रिश्ते बन जाते हैं। घर वापस आने के बाद वो अक्सर बीमार रहने लगा था। जांच हुई तो पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है। उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसे इस बात पर भरोसा ही नहीं हो रहा था। उसी वक्त उसे किसी ने एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर से ट्रीटमेंट कराने को कहा। इस सेंटर ने उसको एक नई जिंदगी दी। नतीजन एचआइवी पॉजीटिव होते हुए भी शशांक खुशहाल जिंदगी जी रहा है।
यह कहानी सिर्फ शशांक की नहीं बल्कि वाराणसी के पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर की है। विश्व एड्स दिवस (01 दिसंबर) पर हम आपको इसी सेंटर की कहानी बता रहे हैं। जो शशांक जैसे उन हजारों युवाओं को वर्षों से नई जिंदगी दे रहा है। जो एचआईवी संक्रमित होने के कारण जीवन से निराश हो चुके थे। यहां कि डा. प्रीति अग्रवाल ने स्पेशल कवरेज न्यूज़ को बताया कि इस सेंटर की स्थापना वर्ष 2011 में हुई है। इस सेंटर का मकसद एचआईवी संक्रमितों को उचित उपचार देने के साथ उनके हौसले को बढ़ाना है । इसके अलावा एचआईवी व एड्स के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम यह एआरटी सेंटर करता है। वह बताती है़ कि इन 10 वर्षों के भीतर इस केन्द्र में एचआईवी संक्रमित लगभग 4500 लोगों का पंजीकरण यहां हुआ है। जिनमें सभी का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है।
क्या है एचआईवी वायरस
डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है। जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है। डा. प्रीति बताती है कि एआरटी सेंटर में एचआईवी की निःशुल्क जांच होती है। एचआईवी पॉजीटिव होने पर मरीज का फौरन निःशुल्क उपचार शुरू किया जाता है। एआरटी सेंटर के अलावा जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों यहां तक कि सभी सीएचसी-पीएचसी में भी एचआईवी जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।
इसके लक्षण बताते हुए उन्होंने बताया कि इसके प्रमुख लक्षण है- वजन का घटना, लगातार दस्त होना, लम्बे समय तक बुखार का होना, शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना, मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी का आना, गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का होना एचआईवी पॉजीटिव होने के लक्षण हो सकते है।
कैसे होता है संक्रमण
यह संक्रमण एचआईवी संक्रमित के साथ यौन सम्पर्क, इंजेक्शन से नशीली दवा लेने वाला व्यक्ति को, माता-पिता के एचआईवी संक्रमण के बाद पैदा होने वाले बच्चे को, बिना जांच किया हुआ रक्त चढ़वाने वाले व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण का अधिक खतरा रहता है।