- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- वाराणसी
- /
- बनारस रेल इंजन कारखाना...
बनारस रेल इंजन कारखाना निर्मित 10000वां रेल इंजन राष्ट्र को समर्पित
बनारस रेल इंजन कारखाना के न्यू लोको टेस्ट शॉप में आज दिनांक 28 नवम्बर, 2023 को महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने पुष्पों से सुसज्जित बरेका निर्मित 10,000वें लोको WAP7 का विधिवत पूजन के उपरान्त हरी झण्डी दिखाकर राष्ट्रों को समर्पित किया । साथ ही महाप्रबंधक ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बरेका अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह कीर्तिमान हमारे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मेहनत तथा कार्यकुशलता का परिणाम है।
बनारस रेल इंजन कारखाना जिसे पहले डीजल रेल इंजन कारखाना के नाम से जाना जाता था, ने ALCO लोको तकनीक पर आधारित पहला लोकोमोटिव तैयार करके अपनी यात्रा शुरू कर न केवल रेल इंजनों के उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि रेल इंजनों की अश्व शक्ति में वृद्धि के साथ ही नयी-नयी तकनीक का भी विकास किया है । वर्ष 2017 से बरेका ने विद्युत लोको का निर्माण शुरू किया । वर्तमान में बरेका रेलवे के लिए यात्री सेवा हेतु WAP7 और मालवाहक हेतु WAG9 इंजनों के निर्माण के साथ ही गैर रेलवे ग्राहकों एवं निर्यात के लिए रेल इंजन का उत्पाादन कर रहा है । अब तक बरेका 1687 विद्युत लोकोमोटिव, 7498 डीजल लोकोमोटिव, 172 निर्यातित लोकोमोटिव, गैर रेलवे ग्राहक हेतु 634 लोकोमोटिव, 01 डुएल (डीजल+विद्युत) मोड लोकोमोटिव, 08 डीजल से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित लोकोमोटिव का निर्माण किया है।
उल्लेखनीय है कि बरेका की नीव प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद ने 23 अप्रैल 1956 को रखी गयी थी । अगस्त 1961 में बरेका अपने अस्तित्व में आया । 03 जनवरी 1964 में पहला ब्राड गेज WDM2 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादूर शास्त्री ने एवं नवम्बर 1968 में पहले मीटर गेज रेल इंजन YDM4 का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई ने किया था । बरेका ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक 10,000 रेल इंजन बनाकर एक इतिहास रचा है ।
लोकर्पित 10,000वां एसी-एसी 6000 अश्व शक्ति पैसेंजर लोकोमोटिव WAP7-37638 साउथ सेंट्रल रेलवे के लालागुडा इलेक्ट्रिक लोको शेड को भेजा जा रहा है । उक्त लोकोमोटिव जो आरटीआईएस-वास्तविक समय सूचना प्रणाली, गर्मियों के लिए वातानुकूलित ड्राइवर कैब, सर्दियों के दौरान ड्राइवर के लिए गर्म हवा का प्रावधान, HOG- ट्रेन लाइटिंग के लिए हेड ऑन जेनरेशन, रिजेनरेटिव ब्रेक सिस्ट्म जैसी प्रमुख विशेषताओं से सुसज्जित है, जिसकी स्पीड 140 किमी प्रति घंटा है ।