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6 बुलडोजर ने 12 बिल्डिंग गिराईं, विरोध पर 10 कार्यकर्ता हिरासत में, प्रियंका ने बताई थी महात्मा गांधी की विरासत
13 एकड़ में फैले परिसर में करीब 80 मकान बने हुए हैं। परिसर में पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौजूद हैं। विरोध करने के लिए महिलाएं भी पहुंची। वो रोती हुई दिखीं, लेकिन किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया।
वाराणसी के सर्व सेवा संघ परिसर की 12 बिल्डिंग को शनिवार सुबह गिरा दिया गया। कुल 6 बुलडोजर ध्वस्तीकरण के लिए परिसर के अंदर मौजूद हैं। संघ कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। 10 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
वहीं सर्व सेवा संघ और कई दलों के लोग राजघाट स्थित परिसर के पास पहुंचे हैं। पदाधिकारियों ने इमोशनल अपील करते हुए कहा कि देशभर के लोग एक अंतिम प्रयास करें, गांधी-विनोबा भावे की विरासत बचाने के लिए यहां पर पहुंचे।
बता दें कि इस बिल्डिंग को बचाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कई नेताओं ने आवाज उठाई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज होने के बाद प्रशासन बिल्डिंग ढहा रहा है।
वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर को पहले ही खाली करा दिया गया था। यहां बसी कॉलोनियों और ऑफिस से लोगों को बाहर करके रेलवे ने अपनी संपत्ति का बोर्ड भी लगा दिया था। परिसर में एक पोस्ट ऑफिस भी है। इसे गिराने के लिए कल तक की मोहलत दी गई है। आज पोस्ट ऑफिस का सामान शिफ्ट किया जा रहा है।
8 बजे पुलिस, 9 बजे अफसर पहुंचे, विरोध करने वालों को थाने भेजा
शनिवार सुबह करीब 8 बजे सर्व सेवा संघ पर पुलिस पहुंच गई। पूरे एरिया को घेर लिया गया। करीब 9 बजे यहां प्रशासन-पुलिस के अफसर भी पहुंच गए। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाने के बाद उन्हें परिसर से दूर ले जाया गया। बुलडोजर ने करीब 10 बजे ध्वस्तीकरण शुरू किया गया। एक बिल्डिंग गिराई जा रही है।
विरोध कर रहे कार्यकर्ता नंदलाल मास्टर, जागृति राही, डॉ. अनूप श्रमिक, तारकेश्वर, अनूप आचार्य, अरविंद कुशवाहा, ध्रुव, अवनीश, फ़ा आनंद और रामधीरज को हिरासत में ले लिया गया है।
राकेश टिकैत ने भी किया विरोध
दो दिन पहले किसान राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और मेधा पाटेकर ने सर्व सेवा संघ परिसर को बचाने के लिए जोर-शोर से आवाज उठाई थी। राकेश टिकैत ने कहा था कि यदि सरकार ने बुलडोजर चलाया तो अपने ट्रैक्टर हम दिल्ली के आगे बनारस भी मोड़ सकते हैं।
22 जुलाई को खाली कराया था परिसर
बुलडोजर और पुलिस बल के साथ सर्व सेवा संघ परिसर पहुंचे प्रशासनिक और रेलवे के अधिकारियों ने 22 जुलाई को सामान बाहर निकलवा दिया था। लाइब्रेरी की काफी किताबें बाहर फेंक दी गईं थीं। 8 लोगों को हिरासत में ले लिया गया था।
इसके बाद रेलवे प्रशासन ने जमीन से कब्जा हटाने और भवन ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया था।
वाराणसी के सर्व सेवा संघ भवन मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सीजेआई की ओर से बनाई विशेष खंडपीठ के जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस पंकज मित्तल ने केस की सुनवाई की। कोर्ट ने वादी का पक्ष जाना। भवन से महापुरुषों के जुड़े होने और ऐतिहासिक साक्ष्य को भी देखा। कोर्ट ने दस्तावेज को अपर्याप्त मानते हुए सर्व सेवा संघ की याचिका खारिज कर दी।