वाराणसी

वाराणसी से शुरू होगी दुनिया की सबसे लंबी क्रूज ट्रिप, 3200 किलोमीटर का सफर 50 दिन में होगा पूरा

Shiv Kumar Mishra
12 Nov 2022 5:26 PM GMT
वाराणसी से शुरू होगी दुनिया की सबसे लंबी क्रूज ट्रिप, 3200 किलोमीटर का सफर 50 दिन में होगा पूरा
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Varanasi news: वाराणसी (Varanasi) की पवित्र नगरी से दुनिया की सबसे लंबी क्रूज (Ganga cruise) यात्रा शुरू होने वाली है। अगले साल, यानी 10 जनवरी 2023 को 'गंगा विलास' (Ganga vilas cruise ship) नामका लग्‍जरी क्रूज शिप अपनी 3200 किलोमीटर की यात्रा पर निकलेगा। वाराणसी से चलकर इसकी मंजिल होगा असम का डिब्रूगढ़, लेकिन बीच में यह बांग्‍लादेशी सीमा से भी गुजरेगा। इस पूरे सफर में 50 दिन लगेंगे, इस बीच यह भारत व बांग्‍लादेश की 27 नदियों से तैरते हुए निकलेगा।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 नवंबर को वाराणसी में वाराणसी-डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाले इस क्रूज के टाइम टेबल का विमोचन किया। उन्होंने रविदास घाट पर केंद्रीय जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ सात सामुदायिक जेट्टियों का लोकार्पण और आठ सामुदायिक जेट्टियों का शिलान्यास किया। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय भी उपस्थित थे।

अब बात करें उस क्रूज शिप 'गंगा विलास' की। इसकी लंबाई 62.5 मीटर होगी और चौड़ाई 12.8 मीटर। यह भारत में बनने वाला पहला रिवर शिप है। इस पर 18 बेहतरीन सुइट होंगे जिनमें यात्री सफर करेंगे। इनमें बाथरूम, शावर, कनवर्टिबल बेड, फ्रेंच बॉलकनी, एलईडी टीवी, सेफ समेत आधुनिक जीवन रक्षक प्रणाली भी होगी। इसके अलावा इस ट्रिप को और यादगार बनाने के लिए 40 सीटर रेस्‍टोरेंट है, सन डेक और स्‍पा भी है। यहां बफे में कॉन्‍टीनेंटल और इंडियन डिशेज सर्व की जाएंगी।

3200 किलोमीटर की इस यात्रा में कला, संस्‍कृति, इतिहास और आध्‍यात्मिकता का संगम होगा। वाराणसी से कोलकाता की हुगली नदी तक सभी प्रमुख जगहों पर यह क्रूज रुकेगा। 50 दिनों की इस यात्रा में क्रूज 50 ऐसी जगहों पर रुकेगा जो वर्ल्‍ड हेरिटेज के तौर पर मशहूर हैं या फिर जिनका शुमार दुनिया के अनोखे स्थानों में होता है। इनमें सुंदरबन डेल्‍टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल हैं।

किसी सिंगल रिवर शिप की यह यात्रा दुनिया में सबसे लंबी यात्रा होगी। इससे भारत और बांग्‍लादेश, दोनों ही दुनिया के रिवर क्रूज पर्यटन के नक्‍शे पर मशहूर हो जाएंगे। इसके अलावा इससे भारत की दूसरी नदियों में भी रिवर क्रूजिंग को लेकर जागरुकता बढे़गी।

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