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काशी में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट की धूम! माता अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ को चढ़ा 151 और 51 क्विंटल प्रसाद
आज गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का पर्व काशी में धूमधाम से मनाया जा रहा है। अन्नकूट के पर्व के लिए सभी छोटे-बड़े देवालयों में खास तैयारियां की गई हैं। काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 27 वर्ष बाद इस बार ऐसा हो रहा है कि दिवाली के दूसरे दिन नहीं बल्कि तीसरे दिन बुधवार को अन्नकूट का पर्व और गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है।
देवी अन्नपूर्णा को अर्पित किया गया 56 भोग
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के समीप देवी अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर है। मंदिर के महंत शंकर पुरी के अनुसार, देवी अन्नपूर्णा को 151 क्विंटल प्रसाद का 56 भोग अर्पित किया गया है। दर्शन-पूजन का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा। महंत शंकर पुरी ने कहा कि अन्नकूट का पर्व मनाने से इंसान को लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। उधर, काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने बताया कि बाबा विश्वनाथ को 51 क्विंटल प्रसाद का 56 भोग दोपहर की मध्याह्न आरती में अर्पित किया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के अन्नकूट महोत्सव का दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
गोवर्धन पूजा और भाईदूज का पौराणिक महत्व
प्रचलित कथाओं के अनुसार, ब्रज के लोग इंद्र का पूजन करके 56 भोग का प्रसाद अर्पित करते थे। श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में इंद्र की पूजा को निषिद्ध कर गोवर्धन पर्वत की पूजा कराई। साथ ही, स्वयं दूसरे स्वरूपों से गोवर्धन बन कर अर्पित की गई पूरी भोजन सामग्री का भोग लगाया था। यह देख कर इंद्र ने ब्रज क्षेत्र पर प्रलयंकारी बारिश की, लेकिन श्रीकृण ने गोवर्धन पर्वत को हाथ पर रख कर ब्रजवासियों को उसके नीचे खड़ा कर बचा लिया। तभी से कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट मनाने की परंपरा चली आ रही है।