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"दिव्य काशी में आज भव्य दीपोत्सव"! एक क्लिक में जानें आज काशी में होने वाले सारे कार्यक्रम...
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज शाम देव दीपावली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। उत्तरवाहिनी गंगा के अर्धचंद्राकार घाटों पर शाम 5:15 बजे के बाद 10 लाख दीप जलाकर दिव्य काशी में भव्य देव दीपावली महोत्सव की जाएगी। इसके साथ ही पूरे बनारस जिले में जनसहभागिता से तकरीबन 21 लाख दीये जलाए जाएंगे। देव दीपावली महोत्सव को देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को 50 टन फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद ये पहली देव दीपावली है। देव दीपावली के अवसर पर जल, थल और नभ से काशी नगरी की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए पुलिस की ओर से रूट डायवर्जन भी लागू किया गया है।
होटल से लेकर क्रूज तक सब हाउसफुल
देव दीपावली का पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। मगर, इस बार कार्तिक पूर्णिमा यानी मंगलवार को चंद्र ग्रहण होने के कारण ज्योतिषाचार्यों और विद्वानों की सलाह पर देव दीपावली एक दिन पहले ही मनाई जा रही है। आज शाम 8 लाख दीये गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित 85 से ज्यादा घाटों पर और पूर्वी तट पर रेत पर भी 2 लाख दीये जलाए जाएंगे। इसके अलावा पूरे जिले में तकरीबन 11 लाख दीये काशीवासी जलाएंगे। देव दीपावली पर होटल, गेस्ट हाउस, नाव, बजरा, बोट व क्रूज की पहले से ही बुकिंग हो चुकी है। चेतसिंह घाट पर इस बार 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो होगा। वहीं, गंगा की गोद में शिव भजनों का लेजर और लाइट मल्टीमीडिया शो होगा। पर्यटक ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी का आनंद भी ले सकेंगे।
प्रशासन ने की है पुख्ता व्यवस्था
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों से रूस के एक और किर्गिस्तान के दो सदस्य देव दीपावली में मेहमान हैं। उन्होंने बताया कि देव दीपावली विश्व विख्यात हो चुकी है और इसको देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। देव दीपावली के लिए शहर में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि सरकारी इमारतों, सभी चौराहों और खंभों पर स्पायरल तिरंगा एलईडी लाइटिंग लगाई गई है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों का स्वागत किया जाएगा। रंगोली, फसाड लाइट और बिजली की लड़ियों से शहर भर में सजावट की गई है।
शहर में 6 जगह होगा लाइव प्रसारण
देव दीपावली पर विश्व प्रसिद्ध काशी के घाटों की आरती और सजावट शहर के कई स्थानों से लाइव देखी जा सकेगी। इसके लिए 6 प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं के लिए रियल टाइम आरती देखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। एलईडी स्क्रीन अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, राजघाट, गोदौलिया मल्टी लेवल पार्किंग और कैंट स्टेशन पर लगाई गई हैं। लाइव तस्वीरों के साथ लोग महाआरती के समय भजन और घंटा-घड़ियालों की आवाज भी सुन सकेंगे।
जल, थल और नभ से होगी निगरानी
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के अनुसार पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है। प्राइवेट ड्रोन को उड़ाने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है और जिले की सीमा पर भी चौकसी बरती जाएगी। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में पुलिस और पीएएसी की तैनाती की गई है। गंगा नदी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मुस्तैद किया गया है। पर्यटकों की बड़ी संख्या देखते हुए अस्पतालों में बेड रिजर्व करके चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाए जा रहे हैं। नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने और लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है। श्रद्धालुओं व पर्यटकों की भारी भीड़ के अनुमान से ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग सुनिश्चित की गई है। पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए निगरानी करेगी।
काशी की विभूतियों को किया जाएगा याद
देव दीपावली समितियों ने भी दीपावली की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। योगी सरकार इनकी पूरी मदद कर रही है। समितियों ने निर्णय लिया है कि काशी से जुड़े महान सपूतों को पहला दीप अर्पित करेंगे। अस्सी घाट पर महामना मदन मोहन मालवीय, तुलसी घाट पर गोस्वामी तुलसीदास, हरिश्चंद्र घाट पर डोम राजा, सिंधिया घाट पर तैलंग स्वामी और स्वामी विवेकानंद जैसी विभूतियों के चित्र लगाए जाएंगे। इसके अलावा संगीतकार भारत रत्न पं. रविशंकर, भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पद्मविभूषण पं. किशन महाराज, पद्मविभूषण गिरिजा देवी, पद्मभूषण पं. राजन मिश्रा, साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद और मुंशी प्रेमचंद के भी चित्र लगेंगे।
अमर सपूतों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद व सामाजिकता की भी झलक देव दीपावली में देखने को मिलती है। काशी नरेश ने देश के लिए वीरगति प्राप्त होने वाले सैनिकों के लिए घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन की प्रथा शुरू की थी, जो आज भी जारी है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाई गई है। हर साल यहां भारत के अमर वीर योद्धाओं को भगीरथ शौर्य सम्मान से सम्मानित किया जाता है। इसके साथ ही एक संकल्प गंगा किनारे के माध्यम से मां गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने और पर्यावरण व जल संरक्षण का संकल्प दिलाया जाएगा। 51 कन्याओं द्वारा दशाश्वमेध घाट पर महाआरती होगी, जो नारी शक्ति का संदेश देगी।