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- ज्ञानवापी मामले में...
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 10 नवंबर को!
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग को संरक्षित करने की समय सीमा बढ़ाने और यथास्थिति कायम रखने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 10 नवंबर को सुनवाई करेगा। इस संबंध में एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने सोमवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
12 नवंबर से पहले याचिका पर सुनवाई हो
एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कमीशन की कार्रवाई के दौरान बीती 16 मई को शिवलिंग मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने उस शिवलिंग को संरक्षित करने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश 12 नवंबर तक प्रभावी है। लिहाजा, 12 नवंबर से पहले याचिका पर सुनवाई हो। एडवोकेट विष्णु शंकर जैन की मांग पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जल्द सुनवाई के लिए सहमत होते हुए 10 नवंबर की डेट फिक्स किए हैं।
मई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देव विग्रहों के सुरक्षा की मांग वाले मुकदमे को सुप्रीम कोर्ट ने बीते मई महीने में वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं है, इसका जिला जज निपटारा करें। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील रखा जाए। मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है, इसका निपटारा होने के बाद आठ हफ्ते तक शिवलिंग की सुरक्षा की यथास्थिति बरकरार रहेगी।
एडवोकेट विष्णु शंकर जैन के अनुसार, जिला जज की कोर्ट ने बीती 12 सितंबर को आदेश दिया था कि मां श्रृंगार गौरी का मुकदमा सुनवाई योग्य है। जिला जज की कोर्ट के आदेश को 12 नवंबर को 8 हफ्ते पूरे हो जाएंगे। इसलिए शिवलिंग को संरक्षित करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग पर 12 नवंबर से पहले सुनवाई होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया है।