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महामहिम पहली बार होंगी राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि! काशी विद्यापीठ रचेगा इतिहास....
वाराणसी में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 45 वां दीक्षांत समारोह 11 दिसंबर को आयोजित होने जा रहा है। यह दीक्षांत समारोह अपने आप में ऐतिहासिक होने जा रहा है। इस दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि देश की प्रथम नागरिक और वर्तमान भारत कि राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मू होंगी। इस बारे में आज विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी द्वारा बताया गया कि राज्य विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब स्वयं दीक्षांत समारोह में महामहिम मुख्य अतिथि के रूप में आ रही हैं। यह विश्वविद्यालय के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक मौका होगा। विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह को भव्य तरीके से आयोजित करेगा इसमें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी।
क्या है महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय का इतिहास...
वाराणसी का महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय का इतिहास देश की आजादी के समय से जुड़ा है। जब देश में असहयोग आंदोलन चल रहा था इस समय वाराणसी में महात्मा गांधी के शिष्य बाबू शिवप्रसाद गुप्त द्वारा 10 फरवरी 1921 को बसंत पंचमी के दिन वाराणसी के भदैनी में की गई थी। आज जहां पर विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर है उस जगह की आधारशिला स्वयं महात्मा गांधी ने रखी थी। शुरुआत में इस विश्वविद्यालय का नाम काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय हुआ करता था। 11 जुलाई 1995 को इस विश्वविद्यालय को महात्मा गांधी को पुनः समर्पित किया गया और इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय रख दिया गया।
जुलाई 1963 में इस विश्वविद्यालय को विश्वविद्याल अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मानद विश्वविद्यालय घोषित किया गया। वहीं 15 जनवरी, 1975 से इसे चार्टर्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया गया। चंद्रशेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, रामकृष्ण हेगड़े, बी.वी. केसकर, कलराज मिश्र, भोला पासवान शास्त्री, त्रिभुवन नारायण सिंह और कमलापति त्रिपाठी सहित कई नामी शख्सियत यहां के पूर्व छात्र रह चुके हैं। विश्वविद्यालय शुरू से ही राजनीति और शिक्षा दोनों का अनूठा केंद्र बना रहा है।
क्या खास है इस दीक्षांत समारोह में....
महातमा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय का यह 45 वां दीक्षांत समारोह आगामी 11 दिसंबर को आयोजित होने जा रहा है। यह अपने आप में ऐतिहासिक इसलिए है क्योंकि पहली बार उत्तर प्रदेश के किसी राज्य विश्वविद्यालय में महामहिम दीक्षांत समारोह की प्रमुख अतिथि बन रही है। काशी इस ऐतिहासिक मौके का साक्षी बनेगा। इस दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों 14 छात्र- छात्राओं को उपाधियां मिलेंगी। इसके अलावा इस ऐतिहासिक दीक्षांत समारोह में कुल 65 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा। वहीं ग्रेजुएशन में 65089 (इसमें 37024 छात्राएं व 28064 छात्र एवं एक ट्रांसजेंडर) और पोस्ट ग्रेजुएशन में 12529 (8500 छात्राएं व 4029 छात्र) के साथ- साथ शोध उपाधि में 29 छात्राएं व 40 छात्रों को उपाधि प्रदान की जाएगी। वही एक छात्र को डी.लीट की उपाधि प्रदान की जाएगी।