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Very Important News: सोचिए दो महीनों में 3.5 लाख रुपये का आया खर्च, इस पाँच सितारा चिकित्सालय में!
उत्तर प्रदेश के काशी नगरी जिसे वाराणसी के नाम से जानते है लोग। उसी वाराणसी में सर सुन्दरलाल अस्पताल है। जो देश के सुविख्यात अस्पतालों में गिना जाता है। न्यूरो विभाग में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ विजय नाथ मिश्रा ने एक बहुत सुंदर जानकारी भरी पोस्ट शेयर की है उसे आप भी जान लीजिए। आप प्राइवेट अस्पतालों में लाखों रुपये आईसीयू में देते है। जबकि इस पोस्ट में आपको पता चलेगा की दो महीनों का आईसीयू का खर्च साढ़े तीन लाख रुपये आया। '
डॉ विनय नाथ मिश्रा ने लिखा, 6 हफ़्ते पहले, बीएचयू की एक छात्रा, न्यूरोलॉजी विभाग में, बेहोशी के साथ मिर्गी के झटकों से आयी। एक दो तीन चार पाँच मिर्गी की दवाइयों से भी उसके मिर्गी ना ठीक हुई, और मरीज़ वेंटीलेटर पर रखना पड़ा। जाँच में, मश्तिष्क में इनसेफेलाइटिस के लक्षण दिखे। दवाइयों के दुष्प्रभाव से, और लगातार मिर्गी के झटकों से 8वें दिन, मरीज़ के बीपी गिर गया और वेंटीलेटर के बावजूद लगातार ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था। अब छात्रा की तबियत अत्यंत नाज़ुक और केवल दवाइयों के सहारे ज़िंदा थी।
2 हफ़्ते के बाद भी अब, मिर्गी के झटके आ रहे थे। अब मरीज़ 7 मिर्गी रोकने के दवाइयों पर थी। हम सबको भी बहुत निराशा हुई, जब रोग व दवाइयों के कारण बीपी एक साथ गिर गई।
पर चिकित्सकों ने हार नहीं मानी (बीएचयू न्यूरोलॉजी में आईसीयू विशेषज्ञ चिकित्सक की मेहनत)। इलाज जारी रहा, और पाँचवें हफ़्ते से, झटके ठीक हुए, होश आना शुरू हुआ और छठे हफ़्ते से मरीज़ इशारे से बात समझने लगी। उस सिन बिटिया का जन्मदिन भी था, जिसे हम सबने उसके साथ मनाया।
2 महीने आईसीयू में रहने के बाद, मरीज़ की 5 दिन पहले छुट्टी हो गई। अब वो ठीक है। इन दो महीनों में, साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आया। कभी सोचिए कि इतने दिन आईसीयू में रहने और दवाइयों का कितना पैसा लगेगा, पाँच सितारा चिकित्सालय में!
आम भाषा में, ये मैंने इसलिए लिखीं की आम लोग और सरकार के ज़िम्मेदार समझें कि सरकारी चिकित्सालयों में एक सुदृढ़ सुलभ आईसीयू व्यवस्था की देश में कितनी ज़रूरत है।
आइए इस पोस्ट को इतना शेयर करें ताकि इस देश के न सही तो यूपी के लोग तो जाने कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कितना सस्ता है। इसका फायदा उठाना जाए।