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वाराणसी में होगा काशी-तमिल संगमम! आईआईटी बीएचयू और आईआईटी मद्रास भी होंगे शामिल....
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को वाराणसी में 17 नवंबर से शुरू होने वाले काशी-तमिल संगमम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हमें विरासत में मिली देश की सांस्कृतिक एकता को गति दिया जाए। उसी दिशा में काशी-तमिल संगमम एक महत्वपूर्ण कदम है। 17 नवंबर से तमिल कार्तिक महीना शुरू होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया गया है।
200-200 की टोली में 12 वर्गों के लोग आएंगे
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एक महीने के आयोजन के दौरान तमिलनाडु से छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, ग्रामीण, प्रोफेशनल, उद्यमी जैसे 12 तरह के वर्गों के 200-200 लोगों की टोली वाराणसी आएंगे। इस तरह से तकरीबन तमिलनाडु के तकरीबन 2500 लोग काशी आएंगे। तमिलनाडु से आए हुए लोग काशी से प्रयागराज और अयोध्या जाएंगे। फिर, अयोध्या से वह अपने घर वापस लौट जाएंगे। वह लोग जब आएंगे तो यहां के अपने सहयोगियों से समझेंगे कि दुनिया की सबसे पुरातन नगरी काशी कैसी है। विश्वनाथ धाम का स्वरूप कैसे बदला है। गंगा आरती देश और दुनिया में विख्यात क्यों है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। जितनी आस्था काशी के प्रति देश भर के लोगों की है। उतनी ही आस्था दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों के प्रति भी देश भर के लोगों की है। इस तरह के आयोजन देश के सभी राज्यों में होंगे
तमिलनाडु के लोगों के लिए मेलों के आयोजन होंगे
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि काशी में तमिल सांस्कृतिक कार्यक्रम, तमिल व्यंजन, तमिल हैंडीक्रॉफ्ट जैसे मेलों का आयोजन किया जाएगा। तमिलनाडु में कार्तिक महीने में हर घर में दीपदान किया जाता है और उसे शिवजी को समर्पित किया जाता है। इस बार वहां के लोग बाबा विश्वनाथ के पास दीपदान के लिए आ रहे हैं। इस आयोजन में आईआईटी बीएचयू और आईआईटी मद्रास के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के कई विभाग अहम भूमिका निभाएंगे। यह आयोजन नई शिक्षा नीति के लिए लोक शिक्षा, लोक अनुभव, भाषा, संस्कृति के क्षेत्र में आए सुझावों के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने काशी-तमिल संगमम के आयोजनों से जुड़े स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मेजबानी में कहीं किसी तरह की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।