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- अस्सी घाट पर नवरात्रि...
अस्सी घाट पर नवरात्रि में लावारिस मिली नवजात बच्ची, महिला ने गोद लेकर ‘अष्टमी’ दे दिया नाम
वाराणसी : नवरात्रि में देवी स्वरूपा कन्याओं की पूजा की जाती है, इन दिनों में जन्मी बेटियों को देवी के आगमन से जोड़कर लोग गर्वांवित होते हैं। इसी नवरात्रि के बीच यूपी के वाराणसी से ऐसी घटना सामने आई जिसने एक ओर मां की ममता को शर्मसार कर दिया तो दूसरी ओर मानवता की मिसाल पेश की। बीते रविवार को अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन के बीच वाराणसी के अस्सी घाट पर एक दो माह की नवजात बच्ची मिली। बताया जाता है कि घाट पर भेलपुरी लगाने वाली महिला ने उस बच्ची को अपनाकर उसका नाम अष्टमी रख दिया। इस मामले को लेकर अब चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सुबह-ए-बनारस मंच के सामने नवजात को छोड़कर फरार हुई मां
मिली जानकारी के अनुसार, यूपी के वाराणसी में रविवार को अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा था, लोग कन्याओं का पूजन कर रहे थे। इसी बीच वाराणसी के अस्सी घाट पर एक कलयुगी मां दो माह की नवजात बच्ची को सुबह ए बनारस मंच के ठीक सामने छोड़कर फरार हो गई। उसी दौरान घाट पर मौजूद भेलपुरी लगाने वाली एक महिला ने नवजात को छोड़कर जाने वाली महिला को भागते हुए देखा और उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन महिला भेलपुरी वाली महिला की आवाज को नजरअंदाज करते हुए भाग निकली।
घाट पर भेलपुरी लगाने वाली महिला ने बच्ची के लिए दूध और कपड़े का इंतजाम
काशी के अस्सी घाट पर भेलपुरी लगाने वाली महिला का नाम सविता राय है और वह वाराणसी की ही रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी है और वह अपने पति के साथ वाराणसी के अस्सी घाट पर भेलपुरी की दुकान लगाकर अपना गुजारा करती हैं। सविता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि घाट पर जब बच्ची मिली थी तो वह सिर्फ एक कपड़ा पहनी थी, जिसकी वजह से घाट पर चल रहीं तेज हवाओं के कारण उसे ठंड लग रही थी। सविता ने मौके पर ही बच्ची के लिए कपड़ा मगाया और दूध का इंतजाम किया।
बच्ची को अपनाकर दिया अष्टमी का नाम
सविता के अनुसार, बच्ची के मिलने के बाद काफी समय तक इंतजार किया गया, लेकिन न वो महिला वापस आई और न ही कोई अन्य व्यक्ति उसे अपनाने के लिए आगे आया। जिसके चलते आखिरकार उन्होंने ही बच्ची को अपना लिया। उनका कहना है कि यह बच्ची अष्टमी तिथि को मिली है, जिसके चलते इस बच्ची का नाम अष्टमी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमने पुलिसकर्मियों को इसकी सूचना देते हुए यह शर्त रखी है कि जब बच्ची के माता-पिता आएंगे, तब हम बच्ची को वापस देंगे। अन्यथा हम ही बच्ची का पालन पोषण करेंगे।