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2 दिन में मुख्यमंत्री को बनाएंगे पक्षकार ~ जितेंद्र सिंह बिसेन! वाराणसी पुलिस ने नोटिस जारी कर 3 दिन में मांगा है जवाब...
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े 5 केस की पॉवर ऑफ अटॉर्नी (POA), अपनी संस्था और परिवार के बैंक खाते में जमा पैसा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपने का ऐलान किया है। ज्ञानवापी के मुकदमों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री को सौंपने के ऐलान पर इंस्पेक्टर चौक शिवाकांत मिश्रा ने जितेंद्र सिंह विसेन को पत्र भेज कर 3 दिन में जवाब देने को कहा है। विसेन से पूछा है कि जिन मुकदमों में स्थानीय अधिकारी बतौर प्रतिवादी नामित हैं, उनमें किन आधार पर आप मुख्यमंत्री को पक्षकार बनाने का दावा कर रहे हैं। नोटिस मिलने के 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण न मिलने पर इंस्पेक्टर चौक ने विसेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इंस्पेक्टर चौक सरकारी कागज में कैसे मस्जिद लिख रहे
जितेंद्र सिंह विसेन ने इंस्पेक्टर चौक की नोटिस को लेकर कहा है कि हमें पूर्व में ही आभास हो गया था कि ऐसा कुछ होगा। हम जवाब के लिए तैयार हैं। हमारा जवाब बड़ा महत्वपूर्ण होगा और उससे सभी तरह की अटकलों पर विराम भी लग जाएगा। मगर, इसके अलावा हमारे द्वारा थाना चौक के प्रभारी के खिलाफ मुकदमा फाइल किया जाएगा। मामला न्यायालय में है और विवादित परिसर पर अभी कोई फैसला नहीं आया है। इसलिए उसे सरकार के किसी भी अधिकारी के द्वारा मंदिर या मस्जिद घोषित करना कानूनी तौर पर अपराध है। इससे जन भावनाएं तो आहत होती ही हैं, न्यायालय की भी अवहेलना हो रही है। इंस्पेक्टर चौक ने अपने पत्र में विवादित परिसर को ज्ञानवापी मस्जिद लिखा गया है। इसलिए विभिन्न धाराओं में थाना चौक के प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा।
हो सकती है हत्या, दो दिन में तैयार कराएंगे कागज
जितेंद्र सिंह विसेन ने ज्ञानवापी केस से जुड़े मुकदमों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी के कागज 15 नवंबर तक तैयार कराने की बात कही थी। इसे लेकर उन्होंने मंगलवार की सुबह कहा कि वर्तमान परिस्थितियों का अवलोकन करने के बाद मेरे द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इस कार्रवाई को अति शीघ्र पूरा किया जाए। हमने अपनी लीगल टीम को निर्देश दिया है कि सारी कार्रवाई 2 दिन के अंदर पूरी करें। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया के समक्ष यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ज्ञानवापी के बहाने देश विरोधी शक्तियां सांप्रदायिक दंगे करवाकर क्षति पहुंचाना चाह रही हैं। उनके इस षड्यंत्र में मैं बहुत बड़ी बाधा बन चुका हूं। इस कारण मैं और मेरा परिवार उन लोगों के निशाने पर हैं।
मेरी और मेरे परिवार की कभी भी हत्या करवाई जा सकती है। यदि ऐसा हो गया तो ज्ञानवापी प्रकरण में कई प्रकार से बाधा उत्पन्न हो जाएगी। ऐसे में मेरे लिए अति आवश्यक हो जाता है कि मैं उपरोक्त विषय की सुरक्षा हेतु उचित उपाय करूं। विचार करने के बाद ही मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि उपरोक्त सभी मामलों की पावर ऑफ अटॉर्नी योगी आदित्यनाथ महाराज को सौंपने से वह विषय पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाएगा। क्योंकि, आज संपूर्ण भारतवर्ष में हिंदुत्व व देश के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होकर काम करने वाला व्यक्ति मेरी दृष्टि में महाराज जी के अतिरिक्त कोई और नहीं है।
जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि मैं एक बात और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सभी पावर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नहीं सौंपी जा रही है। बल्कि, गौ रक्षा पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ महाराज को सौंपी जा रही हैं। इस कार्रवाई को तत्काल करना अति आवश्यक हो गया है। विगत 15 दिनों से मैं और मेरा परिवार एक प्रकार से समाज से छुप कर रह रहा है। क्योंकि, हमें यह जानकारी प्राप्त हो चुकी है कि हमारी कभी भी हत्या करवाई जा सकती है। इसीलिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी तैयार करने का काम दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।