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सूर्य ग्रहण आज! काशी में देवी देवताओं के कपाट होंगे बंद..
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साल का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण आज लग रहा है। इसके चलते वाराणसी में आज दोपहर 3:30 बजे श्री काशी विश्वनाथ धाम के पट बंद होंगे जो कि कल यानी मंगलवार को सूर्योदय के बाद ही खुलेंगे। देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन-पूजन भी आज दोपहर 2 बजे से रात 7:30 बजे तक बंद रहेगा। इसके अलावा बाबा कालभैरव, श्री संकटमोचन मंदिर, BHU स्थित विश्वनाथ मंदिर सहित जिले के सभी देवालय ग्रहण काल में बंद रहेंगे।
ग्रहण का मोक्ष काल शाम 6:25 बजे
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि "काशी में ग्रहण का स्पर्श काल आज शाम 4:23 बजे होगा। ग्रहण का मध्य काल शाम 5:28 बजे और मोक्ष काल शाम 6:25 बजे होगा। ग्रहण के स्पर्श, मध्य और मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए। सूर्य ग्रहण का सूतक 24 अक्टूबर की आधी रात के बाद भोर में 4:23 बजे शुरू हो चुका है। सूर्य ग्रहण के कारण ही इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा में एक दिन का अंतराल है।" गोवर्धन पूजा कल यानी 26 अक्टूबर को है।
ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए
प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान खाद्य सामग्रियों में कुश या फिर तुलसी की पत्ती डाली जाती है। इस वजह से वह दूषित नहीं होते हैं। ग्रहण लगने से पहले स्नान करके पूजापाठ करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने पर स्नान करके दान करना चाहिए। ग्रहण के बाद खाने-पीने की पुरानी सामग्री नष्ट कर देनी चाहिए। ग्रहण के समय पशु-पक्षियों को अन्न / घास और जरूरतमंदों को उनकी आवश्यकता की सामग्री देना पुण्यकारी होता है।
ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल में कोई भी शुभ या नया काम नहीं शुरू करना चाहिए। ग्रहण काल भोजन नहीं करना चाहिए और न सोना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से गर्भ में पल रहा शिशु दिव्यांग हो जाता है। हालांकि विज्ञान ज्योतिष की बातों को सिरे से खारिज करता है और कहता है कि यह सब पुरानी मान्यताएं हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।