- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- वाराणसी
- /
- डॉक्टर और मरीज के बीच...
डॉक्टर और मरीज के बीच में दूरियां होंगी कम! सरकारी अस्पतालों में मरीजों के परिजनों के लिए एक अतिरिक्त कर्मचारी अब रहेगा तैनात..
वाराणसी में चिकित्सकीय सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए हर दिन प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों के इमरजेंसी वार्ड के प्रवेशद्वार पर व्हीलचेयर व स्ट्रेचर के साथ स्वास्थ्यकर्मी के रुप में एक स्टाफ तैनात मिलेगा। यह कर्मचारी मरीज और चिकित्साकर्मियों के बीच एक पुल का भी काम करेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने इस संदर्भ में गुरुवार को समस्त ब्लाक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षकों के साथ अपने कार्यालय में बैठक कर उन्हें आवश्यक निर्देश दिये।
डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत समस्त सरकारी अस्पतालों के आपात चिकित्सा कक्ष के प्रवेश द्वार पर एक स्वास्थ्यकर्मी को तैनात रहने के लिए कहा गया है। व्हीलचेयर, स्ट्रेचर के साथ मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वहां आने वाली मरीज और उसके परिजनों के लिए अस्पताल की ओर से एक सम्पर्क व्यक्ति के रूप में फौरन सहायता करेगा। मरीज व उसके तीमारदार से संपर्क स्थापित कर आकस्मिक कक्ष में तैनात चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ को इस बारे में सूचित कर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा दिलवाने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि समस्त सरकारी चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) काउन्टर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये गये हैं। जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों विशिष्ट वर्ग के मरीजों जैसे गर्भवती महिलाएं तथा आयुष्मान भारत के कार्डधारकों के लिए अलग काउन्टर बनाने को कहा गया है। जिससे सम्बन्धित मरीजों को सुगमता से ओपीडी पर्चा प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वह वर्दी पहन कर ही ड्यूटी करें।
स्वास्थ्य केन्द्रों का होगा नियमित निरीक्षण..
सीएमओ ने बताया कि जनपद के 4-5 स्वास्थ्य केन्द्रों (पी.एच.सी./सी.एच.सी. / आयुष्मान भारत वेलनेस सेन्टर इत्यादि) का अब नियमित निरीक्षण होगा। यह निरीक्षण वह खुद तो करेंगे ही उनके अलावा जनपद स्तरीय चिकित्सा अधिकारी भी किसी स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण करेंगे। स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं निरीक्षण में पायी गयी कमियों का तत्काल निराकरण कराने का प्रयास किया जायेगा।