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- शहीद रमेश यादव के बूढ़े...
शहीद रमेश यादव के बूढ़े पिता रुंधे गले से कही यह बात, तो रो पड़े सभी और मंत्री महेश शर्मा को मांगनी पड़ी मांफी
विकास पाठक, वाराणसी
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए वाराणसी के जवान रमेश यादव का शव शनिवार को पैतृक गांव तोफापुर पहुंचा तो आसपास के गांवों के भी हजारों लोग उनके आवास पर उमड़ पड़े। तिरंगे में लिपटे लाल को देख मां-पिता, पत्नी के साथ पूरा गांव बिलख पड़ा। मां को दहाड़ मारते देख रमेश को दो साल का बेटा भी रोने लगा। पत्नी रेनू शव से लिपट रोते-रोते बेहोश हो गई। बाद में बलुआघाट श्मशान पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर रमेश के बुजुर्ग पिता श्यामनारायण यादव ने अपने दूसरे बेटे को भी देश की रक्षा के लिए सेना में भेजने का संकल्प लिया।
वंदे मातरम और रमेश यादव अमर रहे के नारे गूंजते रहे
बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर, नीलकंठ तिवारी, बीजेपी के तमाम नेताओं और अफसरों ने शहीद के शव पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। तोफापुर गांव वंदे मातरम और रमेश यादव अमर रहे के नारों से गूंजता रहा। इस मौके पर रमेश के बुजुर्ग पिता श्यामनारायण यादव की आंखों में आंसुओं की बजाए एक दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई दी। शहीद बेटे की चिता को अग्नि के हवाले कर न उनके हाथ कांपे और न मुंह से आह निकली। इस जज्बे को बलुआघाट श्मशान पर मौजूद हजारों लोगों समेत पूरे बनारस ने सलाम किया।
भाई नहीं शामिल हो पाया अंतिम संस्कार में, मंत्री को मांगनी पड़ी माफी
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को शहीद के घरवालों और ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। परिजन ने बताया कि कर्नाटक में रहने वाले रमेश के बड़े भाई राजेश को प्रशासन ने शुक्रवार को सूचना दी कि वह ट्रेन से न आकर गोवा आ जाएं, वहां से विमान से उनके वाराणसी आने की व्यवस्था की जाएगी। राजेश ने गोवा पहुंच रात बिताई और शनिवार को सुबह तक इंतजार करते रहे लेकिन उनके वाराणसी आने की व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में वह भाई के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। महेश शर्मा ने प्रशासन की इस चूक के लिए हाथ जोड़ माफी मांगी और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।
घरवालों को ढांढस बंधाया
महेश शर्मा ने शहीद के पिता को ढांढस बंधाते हुए कहा कि सरकार शहीद के पूरे परिवार को आर्थिक सहायता के साथ उनके मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखेगी। बोले, शहीद के मां-पिता और पत्नी की जिम्मेदारी अब हम सब की है।