वाराणसी

वाराणसी: सेनानायक 34 वी वाहिनी पीएसी ने कोविड-19 पॉजिटिव जवानों का वाहिनी में ही कराया उपचार, सभी हुए स्वस्थ

Shiv Kumar Mishra
29 July 2020 3:26 PM GMT
वाराणसी: सेनानायक 34 वी वाहिनी पीएसी ने कोविड-19 पॉजिटिव जवानों का वाहिनी में ही कराया उपचार, सभी हुए स्वस्थ
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वाराणसी में पांव पसारता कोरोना संक्रमण पुलिस और पीएसी के बड़ी संख्या में जवानों को भी अपना संक्रमण का शिकार बना रहा है। पुलिस और पीएसी के जवान आमजन की सुरक्षा में उनके बीच रहकर आवश्यक ड्यूटी संपादित करते हैं जिससे उनको संक्रमण का खतरा सदैव बना रहता है। इसी क्रम में 34 वी वाहिनी पीएसी भुल्लनपुर के काफी जवान कोविड-19 के संक्रमण के शिकार हो गए थे। पीएसी जवान आरक्षी अजीत सिंह को जब सर्दी जुखाम की शिकायत महसूस हुई तो उसने सर्वप्रथम निजी तौर पर जाकर कोविड-19 का टेस्ट कराया और 'पॉजिटिव' पाए जाने पर उसने इस बारे में पीएसी के अधिकारीगण को अवगत कराया।

जैसे ही यह बात नवनियुक्त सेनानायक के संज्ञान में आई तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी से संपर्क किया और पीएसी के इस जवान के संपर्क में आए जवानों तथा वाहिनी की शेष कंपनियों के जवानों का वाहनी के अंदर ही कैंप लगवाकर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से दिनांक 12 जुलाई तथा 15 जुलाई को 'रैपिड एंटीजन टेस्ट' कराया गया । परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में पीएसी कर्मी और उनके परिवारीजन कोविड-19 से संक्रमित पाए गए । यद्यपि अधिकतर जवानों और उनके परिवारीजनों को कोई जाहिरा लक्षण अथवा तकलीफ नहीं थी और वे 'एसिंप्टोमेटिक' थे।


इन बड़ी संख्या में जवानों/परिवार के सदस्यों को 'आइसोलेशन' में रखकर उपचार कराए जाने हेतु अस्पताल उपलब्ध होना भी एक बड़ी चुनौती दृष्टिगोचर हो रही थी। सभी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सेनानायक 34 वी वाहिनी पीएसी राजीव नारायण मिश्र आईपीएस, ने इसमें आगे आकर, अपने जवानों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था वाहिनी के चिकित्सालय में ही कराने का निर्णय लिया। वाहिनी का चिकित्सालय मात्र एक 'ओपीडी' संचालित अस्पताल होने के कारण इसमें आवश्यक चिकित्सकीय प्रबंध किया जाना एक दुष्कर कार्य था किंतु मिश्र द्वारा वाहिनी के चिकित्सक डॉक्टर अंबुज गुप्ता के साथ मिलकर इस छोटे से अस्पताल में बिना समय लगाए 30 बेड की व्यवस्था तथा अन्य संबंधित चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की। तत्काल वाहनी स्तर पर ही पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर, थर्मल टेंपरेचर , अन्य संबंधित सामग्री तथा आवश्यक औषधियां जुटाई गई । सभी संक्रमित लोगों को तत्काल 'आइसोलेशन' में रखकर उपचार प्रारंभ कर दिया गया और नियमित रूप से उनके खानपान से लेकर कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप उपचार व अन्य सुविधाएं प्रदान की गई।

सभी मरीजों से प्रतिदिन सेनानायक राजीव नारायण मिश्र तथा डॉक्टर अंबुज गुप्ता द्वारा लगातार व्यक्तिगत संवाद बनाए रखा गया तथा उनकी कुशलक्षेम व उनकी दिन प्रतिदिन की सभी आवश्यकताओं को पूरा किया गया । सभी संक्रमित कोरोना योद्धाओं को, सेनानायक मिश्र ने एक 'व्हाट्सएप ग्रुप' के माध्यम से जोड़ रखा था जिसमें संबंधित चिकित्सक महोदय के अलावा अन्य अधिकारी गण भी जुड़े हुए थे जिसके माध्यम से प्रत्येक समय उनकी कुशलता तथा आवश्यकता की जानकारी कर उसका निराकरण किया जा रहा था और प्रत्येक दिवस सेनानायक मिश्र द्वारा संक्रमित कर्मियों एवं उनके परिवारी जन का मनोबल बढ़ाने तथा तनाव कम करने संबंधित विभिन्न संदेशों तथा वीडियो के माध्यम से प्रयास किया जाता रहा। वाहिनी परिसर में एक खुशी की लहर दौड़ी जब वाहिनी के सभी कोरोना योद्धा अपने परिवारीजनों के साथ स्वस्थ होकर 'आइसोलेशन' से बाहर आए। कोविड-19 'डिस्चार्ज पॉलिसी' के अनुरूप इन सभी लोगों को अगले आठ दिवस तक 'होम क्वॉरेंटाइन' किया गया है जिससे इन्हें व अन्य किसी को संक्रमण का कोई खतरा न हो।


इन संयुक्त प्रयासों में उप सेनानायक वीरेंद्र कुमार, सहायक सेनानायक अभिषेक, शिविर पाल रजनीकांत ओझा तथा सूबेदार मेजर रामकुमार का सराहनीय योगदान रहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी द्वारा भी राजीव नारायण मिश्र सेनानायक, 34वी वाहिनी भुल्लनपुर को उनके प्रयासों एवं कर्मियों व उनके परिवारीजनों के स्वस्थ हो जाने पर बधाई दी। यह भी उल्लेखनीय है कि राजीव नारायण मिश्र द्वारा दिनांक 2 जुलाई 2020 को ही वाहिनी का कार्यभार ग्रहण किया गया है।

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