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वाराणसी: क्या आईपीएस का रिश्तेदार होने के कारण हत्यारे को बचा रही थी पुलिस?
वाराणसी. जेएचवी मॉल में दिन-दहाड़े फायरिंग कर दो लोगों को मौत के घाट उतारने वाले आलोक उपाध्याय के ऊपर अगर पुलिस पहले ही कार्रवाई कर देती तो इतनी बड़ी घटना न होती. सिगरा थाने में चार मुकदमे दर्ज होने के बाद भी इस अपराधी पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसका कारण बताया जा रहा है अलोक उपाध्याय का एक रसूखदार खानदान से रिशेदारी होना.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ आलोक मध्य प्रदेश में तैनात एक चर्चित आईपीएस अधिकारी का रिश्ते में साला लगता है. जिस परिवार में आलोक के बहन की शादी हुई है, वह चौबेपुर इलाके का एक बहुत ही रसूखदार परिवार है. यही कारण है कि सिगरा पुलिस उसके खिलाफ चार-चार मुकदमे दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. यही नहीं आलोक के जीजा का एक भाई लखनऊ में एक बड़े मीडिया बैनर से जुड़ा हुआ है. जिसके कारण भी पुलिस पर आलोक पर कोई कार्रवाई न करने का दबाव पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि इसी रसूखदार रिश्तेदारी के दबाव में आलोक की गिरफ्तारी रेलवे स्टेशन से दिखाई गई.
इन्हीं लोगों के इशारे पर आलोक ने गिरफ्तारी के बाद मीडिया में बयान दिया कि गोली उसने नहीं चलाई ताकि उसके खिलाफ हत्या के मामले को कमजोर किया जा सके. बता दें, जेएचवी मॉल में काशी विद्यापीठ में आईआरपीएम के स्टूडेंट आलोक और उसके साथियों ने अंधाधुंध फायरिंग करके सुनील गौड़ और गोपी कन्नौजिया की हत्या कर दी थी. इसी गोलीबारी में मॉल की एक दुकान में काम करने वाले दो कर्मचारी विशाल और चंदन गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
इस मामले में सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का कड़ा रूख अपनाने के बाद वाराणसी पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात के बाद आलोक पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था. जेएचवी हत्याकांड में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जेएचवी में अंधाधुंध फायरिंग करने वालों में आलोक और रोहित के साथी बिहार के कुंदन और ऋषभ अब भी फरार चल रहे हैं.