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ज्ञानवापी के 5 केस की पॉवर ऑफ अटॉर्नी सीएम योगी को क्यों? वैदिक सनातन संघ ने बताई यह वजह..
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने ऐलान किया है कि वाराणसी में उनकी देखरेख में लड़े जा रहे ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े 5 केस की पॉवर ऑफ अटॉर्नी वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे। इसके लिए जरूरी कानूनी कार्रवाई को 15 नवंबर तक मूर्त रूप दे दिया जाएगा। इस मसले पर विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने वाराणसी में अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आखिर वह कौन से कारण हैं, जिसके चलते ज्ञानवापी से जुड़े 5 केस की पॉवर ऑफ अटॉर्नी सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपने का निर्णय लिया गया है।
3 कारण से पॉवर ऑफ अटॉर्नी का निर्णय लिया गया
संतोष सिंह ने कहा कि हमारे अधिवक्ताओं और वादियों को संतोषजनक तरीके से पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई।
ज्ञानवापी परिसर में हुई कमीशन की कार्रवाई के वीडियो और फोटो लीक हुए। इसकी CBI जांच की मांग की गई, लेकिन उस पर आज तक सुनवाई नहीं हुई।
विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक साजिश के तहत जेल भेजने का काम किया गया। ताकि, वह डर जाएं और ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमे छोड़ दें।
नहीं स्वीकार करेंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा
संतोष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुस्तान का एक बड़ा चेहरा हैं। वह हिंदुत्व के लिए ही जीते हैं, हिंदुत्व के लिए ही काम करते हैं। जब वह इस केस से जुड़ेंगे तो साजिश रचने वाले भाग खड़े होंगे। यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं स्वीकार करेंगे तब क्या होगा...? इस सवाल पर संतोष सिंह ने कहा कि वह पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं स्वीकार करेंगे तो ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। विश्व वैदिक सनातन संघ अब भी अपने दम पर सभी मुकदमे लड़ रहा है और आगे भी लड़ता रहेगा। शेष हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी क्यों सौंपना चाह रहे हैं, यह एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से विस्तार से हमारे प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन जल्द ही बताएंगे।