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- अपने ही पत्रकार की...
अपने ही पत्रकार की संदिग्ध मौत पर देश का नंबर वन चैनल रिपब्लिक भारत खामोश क्यों?
सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हालात में हुई मौत को जनांदोलन बनाकर देश का नम्बर न्यूज़ चैनल बन जाने वाले रिपब्लिक भारत के एक पत्रकार की मौत भी एक हफ्ते पहले 14 अगस्त को बिल्कुल सुशांत की तरह हनी ट्रैप के चलते संदिग्ध हालात में हो गई.... और रिपब्लिक भारत उस पर आंदोलन तो दूर, एक शब्द नहीं बोल रहा है। जाहिर है, सुशांत देश-दुनिया के चहेते सेलेब्रिटीज में से एक हैं और उनके लिए न्याय का जनांदोलन खड़ा किया जा सकता है और उसका फायदा भी लिया जा सकता है। सुशांत की मौत की पड़ताल की अभूतपूर्व कवरेज से ही मीडिया में 'आज तक' चैनल की 18 साल की बादशाहत छीन कर रिपब्लिक भारत देश का नंबर वन चैनल बन चुका है।
देश के इसी नंबर वन चैनल रिपब्लिक भारत के वाराणसी संवाददाता रोहित श्रीवास्तव 4 अगस्त को अचानक लापता हो गए। सुशांत की ही तरह रोहित भी एक लड़की के साथ लिव इन में रह रहे थे। दिल्ली की वह लड़की उनके ही किसी दोस्त के जरिये लॉक डाउन शुरू होने के समय उनके संपर्क में आई थी। रोहित के लापता होते ही वह लड़की रोहित के मोबाइल और फेसबुक के जरिये धोखेबाजी के तमाम आरोप लगाने लगी।
फिर उसी लड़की ने रोहित के ही फेसबुक एकाउंट से दिनांक 12 अगस्त की देर रात के समय रोहित के एक अन्य पत्रकार दोस्त मोहम्मद फजल पर आरोप लगाया कि फजल ने रोहित को अगवा किया है। अपने आरोप के समर्थन में उस लड़की ने दो व्हाट्सएप चैट भी लगाई, जिसमें फजल उस लड़की से रोहित को चोर, धोखेबाज और फजल के चार लाख हड़पने व एक अन्य दोस्त समेत कइयों के लाखों रुपए हड़पने की जानकारी दे रहा है। लड़की ने लिखा कि फजल दुनिया के सामने दोगला व्यवहार कर रहा है इसलिए सभवतः उसी ने रोहित को अगवा किया है।
इससे पहले फजल वाकई फेसबुक पर उस लड़की की हर पोस्ट पर रोहित का गहरा दोस्त बनकर रोहित के लिए चिंता जताते हुए कमेंट कर रहा था। लड़की का कहना था कि व्हाट्सएप में जिस तरह उसने रोहित को लेकर अपने नफरत भरे विचार या रोहित को चोर, ठग, बेईमान आदि बताया था, वह उसके फेसबुक पर दुनिया को दिखाए जाने वाले रूप से अलग है। इसलिए फजल ने ही रोहित को अगवा किया होगा। जबकि फजल फेसबुक पर रोहित का दोस्त बनकर उसी लड़की को रोहित को अगवा किये जाने का आरोप लगा रहा था।
बहरहाल, लड़की द्वारा 12 अगस्त को देर रात व्हाट्सएप चैट उजागर करते ही सुबह फजल ने लगभग 11 बजे एक पोस्ट लिखकर रोहित के वापस आ जाने की भावुक अपील की... और उसी दिन दोपहर को यह खबर आ गई कि रोहित ने पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की है। मल्लाहों द्वारा बेहोशी की हालत में अस्पताल लाये गए रोहित ने एक दिन बाद बेहोशी में ही दम तोड़ दिया।
लड़की व फजल के एक दूसरे पर लगाये गए आरोपों के अगले ही दिन बेहोश मिले रोहित से 4 अगस्त से 13 अगस्त तक की उनकी गुमशुदगी का राज नहीं पता चल पाया। हालांकि पुल पर मिले चार पेज के तथाकथित सुसाइड लेटर से इसे पुलिस ने आत्महत्या मान लिया है लेकिन रोहित के शुभचिंतक व परिजन इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं हैं। उनका दावा है कि रोहित को 4 अगस्त से अगवा करके उनके साथ मारपीट करके जबरन यह लेटर लिखवा कर उन्हें पुल से धक्का देकर इसे आत्महत्या करार करने की कोशिश की गई है। वे उस लड़की व फजल, दोनों पर ही शक जाहिर कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि सुशांत को न्याय दिला कर टीआरपी के खेल में भारत में पहले नंबर पर आ जाने वाले अर्नब गोस्वामी क्या अपने ही पत्रकार के लिए भी निष्पक्ष जांच की कोई मुहिम चलाते हैं? .... अगर रोहित की मौत की जांच को लेकर अर्नब या रिपब्लिक भारत इसी तरह मौन रहा तो इसमें कोई शक नहीं रह जायेगा कि चिराग कितना भी रोशनी क्यों न बिखेर ले, उसके ठीक नीचे अंधेरा ही रहता है....