कौन हैं घनश्याम सिंह लोधी? जिन्होंने आजम खान के किले पर लहराया भगवा
नई दिल्ली: यूपी के रामपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है। यहां से बीजेपी के उम्मीदवार धनश्याम लोधी ने समाजवादी पार्टी रे आलिम रजा को करीब 42 हजार वोटों से मात दी। दोनों यूपी के कद्दावर नेता आजम खान के छत्र-छाया में सियासत की उचाइयां चढ़ते गए। रामपुर की सीट सपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन इस बार घनश्याम सिंह लोधी ने आजम खान के किले पर भगवा लहरा दिया।
राजनीतिक सफर
घनश्याम सिंह ने अपने राजनीतिक जिंदगी की शुरुआत बीजेपी से की। इसके बाद लोधी सपा में चले गए। लोधी 2009 में बसपा के टिकट पर रामपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े मगर हार गए। इसके बाद वे कल्याण सिंह की पार्टी में पहुंचे फिर 2011 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर वे आजम खान के करीब आ गए। घनश्याम लोधी को बरेली-रामपुर एमएलसी सीट से सपा का प्रत्याशी बनाया गया और वह चुनाव जीते भी।
धीरे-धीरे सपा से हुए दूर
लोधी आजम खान के राइट हैंड बन गए थे। लेकिन समय के साथ दूरियां बढ़ती गई। घनश्याम लोधी का एमएलसी का 6 साल का कार्यकाल खत्म होता इससे ठीक दो महीने पहले 2022 के शुरुआत में वे बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने भी इस मौको का भुनाया और सपा प्रत्याशी के खिलाफ उतारा। रामपुर में लोधी समाज के लोगों की संख्या काफी है। जिसका फायदा बीजेपी को मिला।
बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी ने 42,048 वोटों से जीत हासिल की है। सपा के आसिम रजा दूसरे नंबर पर रहे। इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रामपुर में मतगणना स्थल के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया था। रामपुर में सभी 33 राउंड की मतगणना खत्म हो गई। उधर आजमगढ़ में दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 10854 वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं। सपा के धर्मेंद्र यादव पिछड़ गए हैं। निरहुआ 2019 के चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव हारे थे।