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यूपी में फलों के रस से भी बनेगी वाइन, किसानों को भी मिलेगा फायदा
उत्तर प्रदेश में अब फलों के रस से वाइन बनाने की नई पहल होने जा रही है। राज्य के आबकारी विभाग की इस पहल के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा आ, अमरूद, जामुन, लीची आदि करीब एक दर्जन फलों के रस से वाइन बनाने की फैक्ट्रियां लगाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के बागवानों और किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर फलों का उत्पादन किया जाता है। मगर समय और सुगमता से इन फलों का बाहर निर्यात न होने की वजह से बड़ी तादाद में यह फल सड़ जाते हैं और बागवानों व किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
इसी नुकसान से बागवानों व किसानों को बचाने के लिए निजी क्षेत्र को वाइनरी लगाने के लिए आमंत्रित किया गया है। ऐसी वाइनरी लगवाने वाली कम्पनियों को एक्साईज ड्यूटी में 72 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। साथ ही यह शर्त भी होगी कि यह कम्पनियां केवल उत्तर प्रदेश में ही पैदा होने वाले फलों की खरीद करेंगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में बरेली के आसपास, लखनऊ और प्रयागराज में ऐसी वाइनरी स्थापित करवाई जाने की तैयारी है। इस बारे में पिछले दिनों आल इण्डिया वाइनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक भी हो चुकी है।
निवेशक यूपी में वाईनरी लगाने को तैयार भी हैं। उन्होंने बताया कि पहली अप्रैल से शुरू हुए नये वित्तीय वर्ष में राज्य की सभी लाइसेंसी शराब व बीयर की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगवा दी जाएंगी ताकि खरीदारों को शराब व बीयर की बोतल व केन पर अंकित विवरण की स्कैनिंग करके सही गुणवत्ता और सही दाम पर शराब व बीयर उपलब्ध करवाई जा सके।