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हाई कोर्ट से बीजेपी विधायक को राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक, जांच में करेंगे सहयोग
नैनीताल हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में फंसे ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौड़ को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को भी 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पीड़िता व अन्य 3 साथी विधायक को ब्लैकमेल करने के बाद जेल गए थे जो अभी जमानत पर है सरकार ने कहा कि पीड़िता ने जेल से बाहर आने के बाद विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है दोनों मामले में जांच चल रही है. न्यायमूर्ति एन एस धोनी की एकल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई मामले के अनुसार ज्वालापुर हरिद्वार के विधायक सुरेश राठौर ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके खिलाफ महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए थाना बहादराबाद में एफ आई आर दर्ज कराई थी याचिका में कहा गया कि पीड़िता की ओर से जो भी आरोप लगाए गए वह सब गलत और निराधार हैं.
याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं शादी में महिला के खिलाफ उन्होंने 2020 में ब्लैक मेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था पुलिस ने जांच के बाद उसे और उसके पति सहित दो अन्य साथियों को जेल भेज दिया था लेकिन पिछले वर्ष कोरोनावायरस बढ़ती संख्या को देखते हुए इन लोगों को निचली अदालत ने रिहा कर दिया था बदले की भावना को लेकर जेल से बाहर आने के बाद महिला ने उनके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया.
वही महिला का आरोप है कि विधायक ने उनके साथ कई बार दुष्कर्म किया यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने उसे पार्टी में एक पद दिलवाने का झांसा दिया था.