देहरादून

उत्तराखंड मे UCC का ड्राफ्ट तैयार,6 फरवरी को क़ानून बन जायेगा UCC, पढिए खास खास बातें

Shiv Kumar Mishra
2 Feb 2024 2:30 PM GMT
उत्तराखंड मे UCC का ड्राफ्ट तैयार,6 फरवरी को क़ानून बन जायेगा UCC, पढिए खास खास बातें
x
सिर्फ़ एक विवाह, 21 साल की उम्र मे विवाह.. इद्दत पर रोक? शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य। बच्चो की संख्या भी हो सकती हैं तय

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का ड्राफ्ट CM

@pushkardhami

को सौंपा गया। इस ड्राफ्ट पर शनिवार को उत्तराखंड कैबिनेट में चर्चा होगी, फिर 6 फरवरी को विधानसभा में लाकर कानून पास कर दिया जाएगा।

क्या हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड....

एक से ज्यादा महिलाओं से शादी पर रोक, लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल, लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, विवाह पंजीकरण जरूरी जैसे नियम लागू हो सकते हैं।

• समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लग जाएगी और बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।

•लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल तय की जा सकती है।

•लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा और ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को अपने माता-पिता को जानकारी प्रदान करनी होगी…

•लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा...

•विवाह के बाद अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है. प्रत्येक विवाह का संबंधित गांव, कस्बे में पंजीकरण कराया जाएगा और बिना पंजीकरण के विवाह अमान्य माना जाएगा..

•विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर किसी भी सरकारी सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है...

•मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार होगा और गोद लेने की प्रक्रिया सरल होगी...

• लड़कियों को भी लड़कों के बराबर विरासत का अधिकार मिलेगा..

•मुस्लिम समुदाय के भीतर इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है..

•पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं तक समान पहुंच प्राप्त होगी..

•नौकरीपेशा बेटे की मृत्यु की स्थिति में बुजुर्ग माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी पर होगी और उसे मुआवजा मिलेगा..

•पति की मृत्यु की स्थिति में यदि पत्नी पुनर्विवाह करती है तो उसे मिला हुआ मुआवजा माता-पिता के साथ साझा किया जाएगा..

•यदि पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता को कोई सहारा नहीं मिलता है, तो उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पति पर होगी...

•अनाथ बच्चों के लिए संरक्षकता की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा...

•पति-पत्नी के बीच विवाद के मामलों में बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी को दी जा सकती है..

•बच्चों की संख्या पर सीमा निर्धारित करने सहित जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रावधान पेश किए जा सकते हैं..

Next Story