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उत्तराखंड HC से 13 साल की लड़की के अर्बाशन को हरी झंडी, रिश्तेदार ने किया था दुष्कर्म
उत्तराखंड में एक 13 साल की किशोरी के गर्भपात को हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है. हाईकोर्ट ने सीएमओ को तत्काल मेडिकल बोर्ड गठित करने और गर्भपात की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. साथ ही किसी भी तरह के खतरे की स्थिति में हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को अपने विवेक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है. दुष्कर्म पीड़ित यह लड़की फिलहाल 25 सप्ताह चार दिन की गर्भवती है. जबकि देश में अधिकतम 24 सप्ताह के गर्भ को ही गिराने की अनुमति है.
जानकारी के मुताबिक देहरादून की रहने वाली इस किशोरी के साथ उसके एक निकटतम रिश्तेदार ने दुष्कर्म किया था. इसकी वजह से वह गर्भवती हो गई थी. जानकारी होने पर परिजनों ने जिला न्यायालय और फिर हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने अपना फैसला दिया है. बुधवार को मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए अदालत ने शर्तों के साथ गर्भपात की अनुमति दी है. इसके साथ ही सीएमओ को गर्भपात प्रक्रिया पूरी कर हर हाल में नौ दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
आज होगा अर्बाशन
हाईकोर्ट के निदेश पर सीएमओ देहरादून ने अर्बाशन के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है. इसके लिए वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञों को जिम्मेदारी दी गई है. इस पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. आज लड़की को अर्बाशन के लिए अस्पताल लाया जाएगा. मंगलवार को हुई मामले की सुनवाई के दौरान वर्चुवल उपस्थित किशोरी और उसके पिता को भी हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश दिया था.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित किशोरी 25 सप्ताह और चार दिन की गर्भवती है. नियमानुसार अधिकतम 24 सप्ताह के गर्भ का ही गर्भपात कराया जा सकता है. लेकिन अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि विशेष परिस्थिति में ऐसा निर्णय लिया जा सकता है. हालांकि संभावित खतरे को देखते हुए अदालत ने मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टरों को विवेक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.