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उत्तराखंड HC ने पलटा CBI कोर्ट का फैसला, 30 साल पुराने विधायक भाटी हत्याकांड में पूर्व सांसद डीपी यादव बरी
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यूपी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद डीपी यादव को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया है. न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए डीपी यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं होने के कारण उन्हें यह राहत दी है. डीपी यादव गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या के आरोप में देहरादून जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.
बता दें, उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद डीपी यादव सहित तीन अन्य लोगों द्वारा गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या करने के आरोप में देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ सभी ने याचिका दायर की गई थी. आज (बुधवार) मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की अदालत ने डीपी यादव की अपील पर अपना निर्णय सुनाया. मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं पाया गया. इसके बाद न्यायालय ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया.
डीपी यादव अभी अतंरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. न्यायालय ने इस हत्याकांड के अन्य आरोपियों की अपीलों में निर्णय को सुरक्षित रखा है. इस मामले के मामले के अनुसार 13 सितंबर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या का आरोप डीपी यादव, प्रणीत भाटी, करन यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला पर लगा था.
यूपी में ममला प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड ट्रांसफर किया गया था. 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों हत्यारों को आजीवन कारावास की कड़ी सजा सुनवाई थी. इस आदेश को चारों अभियुक्तों ने नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. करन यादव ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दायर कर कहा था कि उनकी पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उनका लंबे समय से दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है. पत्नी की देखभाल के लिए उसे एक माह की शॉर्ट टर्म बेल दी जाए. इस पर कोर्ट ने करन को पत्नी की तीमारदारी के लिए एक माह की शॉर्ट टर्म बेल दी थी.