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सुरंग में फंसीं 40 जिंदगियां, पाइप से भेजी संदेश की पर्ची और खाना, 900 mm की स्टील पाइप डालकर लोगों को निकालने की कोशिश
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग (Tunnel) में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो गया है। यमुनोत्री हाईवे पर बन रही इस टनल से मलबा हटाने का काम जारी है। उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक कोई अच्छी खबर आ सकती है, रेस्क्यू टीम सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंच सकती है। टनल के अंदर 60 मीटर के दायरे में जो मलबा भरा हुआ था उसमें से बीस मीटर मलबा हटा लिया गया है। चालीस मीटर का बचा हुआ मलबा भी आज देर शाम तक हटाया जा सकता है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हो चुका है। मजदूरों ने बताया है कि वो सुरक्षित हैं।
यमुनोत्री टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित
वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हो चुका है। मजदूरों ने बताया है कि वो सुरक्षित हैं। मजदूरों को खाने के पैकेट पाइप के जरिये भेजे जा रहे हैं। ये पाइप टनल के अंदर पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई थी अब ये फूड पैकेट भेजने के काम आ रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से कम्युनिकेशन स्थापित करने का काम भी लिया जा रहा है। पहले टनल में फंसे मजदूर तक संदेश भेजने के लिए कागज पर लिखे संदेश की पर्ची पाइप लाइन के जरिए भेजी गई थी बाद में खाने के लिए चने के पैकेट भी इसी पाइपलाइन के जरिए भेजे गए।
आज शाम तक मजदूरों के निकलने की संभावना
एक तरफ जहां मलबा हटाने का काम चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सुरंग के दूसरे छोर पर पाइप डालने का काम भी किया जा रहा है। एनडीआरएफ सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 900 मिलि मीटर का स्टील पाइप डालने की कोशिश कर रही है। अगर ये पाइप मलबे के दूसरे छोर तक बिछाने में कामयाबी मिल जाती है तो सभी मजदूरों को तुरंत बाहर निकाला जा सकता है। ये पाइप ढाई से तीन फीट तक चौड़ा होगा। स्टील का ये पाइप अदर अंदर पहुंच गया तो मलबा हटाए बिना ही अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। डिज़ास्टर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी रंजीत सिन्हा ने कहा कि आज रात या परसों सुबह तक सबको बाहर निकाला जा सकता है।
किस राज्य के हैं कितने मजदूर?
सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों में से 15 झारखंड के हैं। 8 उत्तर प्रदेश के, 5 ओडिशा के, 4 बिहार के, 3 पश्चिम बंगाल के और उनके अलावा 2-2 मजदूर उत्तराखंड, असम के हैं और एक मजदूर हिमाचल प्रदेश का है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस घटना की पूरी जानकारी ली है। केंद्र सरकार हर तरीके से मदद कर रही है, उन्हें उम्मीद है कि सभी को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाएगा।