उत्तराखण्ड

देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में बच्चे के साथ वॉर्डन ने की शर्मनाक हरकत

Shiv Kumar Mishra
7 Jun 2020 1:43 PM GMT
देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में बच्चे के साथ वॉर्डन ने की शर्मनाक हरकत
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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के एक बोर्डिंग स्कूल के वॉर्डन पर छात्र के साथ शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगा है. छात्र ने अपने माता-पिता से जब यह बात बताई, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ. देहरादून को शिक्षा का हब माना जाता है, लेकिन बोर्डिंग स्कूलों में छात्रों के साथ हो रही शर्मनाक हरकतों ने चिंता पैदा कर दी है.

यह ताजा मामला लॉकडाउन के दौरान का है. देहरादून स्थित शालिनी ब्रेवलि हिल स्कूल में 9 साल का छात्र लॉकडाउन की वजह से अपने घर नहीं जा पाया था. अब जब माता-पिता बच्चे को लेने स्कूल पहुंचे, तो उसने आपबीती अपने अभिभावकों को बताई. इसके बाद बच्चे की मां ने डीएम और एसएसपी को ट्वीट कर इस शर्मनाक हरकत की जानकारी दी.

इसके साथ ही बच्चे के माता-पिता नोएडा से देहरादून के रायपुर थाने पहुंचे और पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया. माता-पिता की लिखित शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर स्कूल के वॉर्डन को गिरफ्तार कर लिया. महिला ने यह भी आरोप लगाया है कि इससे पहले एक बच्चे ने उनके बेटे के साथ छेड़छाड़ की थी. इसकी शिकायत जब स्कूल के डॉयरेक्टर से की गई, तो उन्होंने छेड़छाड़ करने वाले बच्चे को निकाल दिया था.

देहरादून के रायपुर की सीओ पल्लवी त्यागी ने बताया कि बच्चा बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में अकेला रह रहा था. उसकी मां ने हॉस्टल के वॉर्डन पर कई आरोप लगाए हैं. बच्चे और वॉर्डन से अकेले में पूछताछ की जा चुकी है, जिसके आधार पर वॉर्डन हरीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

देहरादून के स्कूलों में पहले भी हो चुकी हैं शर्मनाक हरकतें

ये पहला मामला नहीं है, जब देहरादून के किसी स्कूल पर इस तरह से संगीन आरोप लगे हैं. इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. इससे पहले देहरादून के जीआरडी स्कूल में एक शर्मनाक घटना देखने को मिली थी. इसमें छात्रा का गर्भपात कराया गया था और मामले को छुपाने की पूरी कोशिश की गई थी. हालांकि बाद में छात्रा को न्याय मिला और स्कूल निदेशक सहित 8 लोगों की पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था.

इसी तरह देहरादून के पेस्टलवीड स्कूल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. दून इम्पीरियल रेजिडेंसी स्कूल में तो बच्चे के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को स्कूल प्रबंधन ने भगाने तक में मदद की थी. वहीं कई ऐसे नामी-गिरामी स्कूलों में छात्रों की आत्महत्या के मामले भी सामने आते रहे हैं.

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