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Delhi Flood: यमुना ने तोड़ा 45 साल का Record, दिल्ली के कई इलाके डूबे | Yamuna Water Level
यमुना आज दिल्ली दर्शन कर रही है। दिल्ली के लोग आज यमुना के दर्शन कर रहे हैं। जिस नदी को लेकर दिल्ली बेख़बर रहती है, वो नदी आज दिल्ली की ख़बर ले रही है। यमुना में पानी के लेवल का 45 साल पुराना रिकार्ड टूट गया है। छह सितंबर 1978 को यमुना का जलस्तर 207 मीटर रिकार्ड किया था, बुधवार को 208 मीटर पार कर गया।
हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति है। इन इलाक़ों में बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। लेकिन टीवी चैनलों पर आपको दिल्ली ही छाई दिखेगी। बारिश का एक महीना विकास की बोगस राजनीति के 11 महीनों को धो देता है। पहाड़ और नदियों के किनारों का अतिक्रमण करते समय सरकार से लेकर लोग तक लापरवाह रहते हैं। उन्हेें लगता है कि कोई देख नहीं रहा है। और अब हाल ये है कि देखा नहीं जा रहा है।
जब लालकृष्ण आडवाणी ने यमुना के रिवर बेड में अक्षरधाम मंदिर बनाने की अनुमति दी थी तब पर्यावरण विशेषज्ञों ने यह चेतावनी दी थी की इससे यमुना में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। यमुना के खादर में यह पहला बड़ा निर्माण था। उसके बाद कॉमनवेल्थ गांव बसा दिया गया।
यमुना के आसपास के इलाकों में सदियों से किसान बरसात के अलावा दूसरे महीनों में खेती करते थे। और अस्थाई रूप से झोंपड़ी डालकर फसल के रखरखाव के लिए रहते थे। वहां उन्होंने अपनी श्रद्धा के मुताबिक छोटे-छोटे कई मंदिर भी बना लिए थे। मगर जब अक्षरधाम बना तो वह सारे मंदिर में तोड़ दिए गए।
आडवाणी जो कि उस समय उप प्रधानमंत्री थे ने किसी की नहीं सुनी। यमुना के आसपास का हजारों वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र उद्योगपति बिल्डर हमेशा से चाहते रहे हैं। मगर ज्यादातर सरकारों ने विशेषज्ञों की बात को महत्व देते हुए उस पर कोई स्थाई निर्माण नहीं होने दिया। उसी से दिल्ली बची हुई थी।