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किसान आंदोलन LIVE DEBATE : 11वें दौर की बैठक खत्म, नहीं निकला कोई नतीजा, अब कैसे निकलेगा समाधान ?
कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है. आज शुक्रवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई. पिछली 10 बातचीत की तरह ये भी बेनतीजा रही. हालांकि, आज की बैठक में सरकार का रुख पिछली बातचीत के मुकाबले कड़ा रहा.
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि 11 बैठकों में 45 घंटे चर्चा हो चुकी है. हमारा लक्ष्य किसानों की प्रगति है. इससे पहले सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों पर डेढ़ साल तक रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो चुकी है और कुछ लोग इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं।
कृषि मंत्री ने आगे कहा, 'भारत सरकार की कोशिश थी कि वो सही रास्ते पर विचार करें, जिसके लिए 11 दौर की बैठक की गई। लेकिन किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी रही। सरकार ने एक के बाद एक प्रस्ताव दिए, लेकिन जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता। वार्ता के दौर में मर्यादाओं का तो पालन हुआ, लेकिन किसानों के हक में बातचीत का मार्ग प्रशस्त हो, इस भावना का हमेशा अभाव था, इसलिए यह निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे भी खेद है।'
वहीँ किसान नेताओं के साथ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस की मीटिंग में भी कोई नतीजा नहीं निकला है। गुरुवार को किसानों ने कहा कि वे दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर ही ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। पुलिस ने इसकी मंजूरी देने से मना कर दिया। पुलिस ने कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेस-वे पर परेड निकालने की अपील की, लेकिन किसान नहीं माने।