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Loksabha Election 2024 Live | कौन होगा देश का प्रधानमंत्री | Rahul Gandhi | Nitish Kumar | Chandrababu Naidu |

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5 Jun 2024 10:45 AM IST
Loksabha Election 2024 Live | कौन होगा देश का प्रधानमंत्री | Rahul Gandhi | Nitish Kumar | Chandrababu Naidu |
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अयोध्या से बीजेपी हार गई। संदेश दीवार पर लिखा है। "राम, रोम रोम में हैं। लेकिन आपको जो दायित्व दिया है उसकी मर्यादा न लांघे। काम करो। जनता का जीवन आसान करो।"

उत्तर प्रदेश का जनादेश कई संदेश लिए हुए है। मंदिर-मस्जिद नहीं चला। हिंदू-मुसलमान नहीं चला। तालिबान-पाकिस्तान नहीं चला। राम, राशन और राष्ट्रवाद भी नहीं चला।

तो क्या चला ?

संविधान, आरक्षण, रोजगार, महंगाई, अग्निवीर, एमएसपी, गांव ग्रामीण की समस्या, पुलिस का डंडा, प्रशासन का मकड़जाल, मध्यम वर्ग पर टैक्स टेरर, व्यापारी GST से बेहाल। गांव में तबाह आर्थिक स्थिति। सांसदों का अहंकार।

जनादेश का संदेश है की अब बातें ही नहीं। लोगों को बदलाव अपने सामने चाहिए।

अयोध्या से बीजेपी हार गई। संदेश दीवार पर लिखा है। "राम, रोम रोम में हैं। लेकिन आपको जो दायित्व दिया है उसकी मर्यादा न लांघे। काम करो। जनता का जीवन आसान करो।"

अति पिछड़े और दलित वर्ग को अपने अधिकार चाहिए। राम, राशन, राष्ट्रवाद तो चाहिए लेकिन रोजगार भी इसके साथ जरूर चाहिए। वरना जो देगा उसके साथ जाएंगे।

कुछ पिछड़े नेताओं को ही "पूरा समाज" मानकर पुरस्कार लेने वालों को जनता ने खारिज कर दिया है।

कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, निषाद, जाटव, पासी प्रजापति, बिंद केवट, मल्लाह और राजपूत। इस बार इनका वोटिंग पैटर्न, शोध का विषय है। जो खुली किताब जैसे हैं वो मुसलमान बिरादरी। वोट वहीं जायेगा, जो बीजेपी को हराएगा।

अगला संदेश

बीएसपी पतन की ओर अग्रसर है। ये किस तलातल पर जाके रुकेगा कोई नही जानता। इस चुनाव सीटों और वोट प्रतिशत में कांग्रेस उससे आगे है। तीसरे नंबर का ताज अब यूपी में कांग्रेस के पास है। बीएसपी सिंगल डिजिट वोट शेयर पर आ गई है।

अखिलेश यादव और राहुल गांधी यूपी में बहुजन के नए नायक हैं। बहुजन के लिए बहन जी उनकी देवी हैं लेकिन वोट उन्हे नहीं देंगे। या बहुत कम देंगे। उन्हे इस जोड़ी में भविष्य दिखता है।

जनादेश का संदेश

युवा को काम। बेटियों को बराबरी। व्यापारी को धंधा। किसान को एमएसपी। महिलाओं को मदद। गरीब को राशन लेकिन रोज रोज याद दिलाना की राशन देते हैं ये उनके आत्मसम्मान को कचोटता है। हक समझ के दीजिए उन्हे। समाज शासन और सरकार में हिस्सेदारी।

दलित और पिछड़े अब एक प्लेटफार्म पर आ गए हैं। वो अपनी ताकत को पहचान गए हैं। वो एजेंडा और प्रोपोगंडा सब समझते हैं।

यूपी के सामाजिक तानेबाने मे ये सब बातें "लाउड एंड क्लियर" है। चुनाव में इसे पढ़कर भी जो थे अंजान। आज उन्हीं का हुआ है नुकसान।


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