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Sologamy marriage: लड़की ने आखिरकार कर ली खुद से शादी, बिना दूल्हे के लिये सात फेरे, खुद भरी अपनी मांग

Arun Mishra
9 Jun 2022 5:31 PM IST
Sologamy marriage: लड़की ने आखिरकार कर ली खुद से शादी, बिना दूल्हे के लिये सात फेरे, खुद भरी अपनी मांग
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बिन दूल्हे शादी को लेकर कई दिनों से चर्चा में रहीं क्षमा ने खुद से विवाह रचा लिया।

Sologamy marriage: लड़की ने आखिरकार खुद से शादी कर ली जिसमें बिना दूल्हे के सात फेरे लिए गए. लड़की ने खुद अपनी मांग भरी. जी हाँ चौंकिए मत? बिन दूल्हे शादी को लेकर कई दिनों से चर्चा में रहीं क्षमा ने खुद से विवाह रचा लिया। उन्होंने तय समय से 3 दिन पहले ही शादी रचा ली है। लाल जोड़े में सजी क्षमा की शादी में ना तो दूल्हा था ना ही और पंडित जी। क्षमा ने खुद की मांग में सिंदूर भरा और खुद को मंगलसूत्र पहनाकार अकेले सात फेरे लिए।

बिंदू ने कई अनुष्ठानों का पालन किया, जिसे गुजरात (Gujarat) में एकल विवाह (Sologamy) का पहला उदाहरण माना जा रहा है. उसने इंस्टाग्राम पर अपनी हल्दी और मेहंदी सहित विभिन्न समारोहों की तस्वीरें शेयर की हैं, जहां वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ नजर आ रही है.

शादी समारोह अकेले 40 मिनट तक चला और शादी से सिर्फ दूल्हा ही बल्कि शादी कराने वाले पुजारी भी नहीं थे. शादी के सभी अनुष्ठान डिजिटल तरीके से गोत्री में उनके घर पर आयोजित किए गए थे. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, शादी के दौरान, बिंदू के दोस्तों और शुभचिंतकों ने "फूलों की वर्षा" की और हमेशा उनका साथ देने का वादा किया.

अपनी शादी के बारे में बोलते हुए, बिंदू ने बताया कि, "मैं आखिरकार एक विवाहित महिला बनकर बहुत खुश हूं." उन्होंने आगे कहा, "दूसरी दुल्हनों की तरह, मुझे शादी के बाद अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा!"

फेसबुक पर, शादी के बाद एक वीडियो संदेश में, उसने सभी के समर्थन और प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया है, और साथ ही उसे "जिस चीज में मैं विश्वास करती हूं उसके लिए और अधिक शक्ति" देने के लिए आभार व्यक्त किया है. वह इस बात से भी खुश थी कि इतने सारे लोग शादी में शामिल होना चाहते थे.

बिंदू ने कहा, जबकि शादी पहले 11 जून को होने वाली थी. किसी भी विवाद से बचने के लिए शादी दो दिन पहले ही कर ली गई. उसने टीओआई को बताया, "यह एक शांत समारोह था क्योंकि मेरे केवल 10 दोस्तों और सहयोगियों ने समारोह में भाग लिया था," उसने कहा कि उन्हें किसी भी "परेशानी" से बचने के लिए मंदिर से वेन्यू बदलना पड़ा.

क्षमा बिंदू, जो एक निजी फर्म के लिए काम करती हैं, उन्होंने खुद से विवाह को "स्वयं के लिए प्रतिबद्धता और स्वयं के लिए बिना शर्त प्यार" के रूप में बताया है.

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