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Viral News: कोर्ट ने बस ड्राइवर को सुनाई 190 साल की सजा, जानें क्या था गुनाह

Special Coverage Desk Editor
2 Jan 2022 6:23 PM IST
Viral News: कोर्ट ने बस ड्राइवर को सुनाई 190 साल की सजा, जानें क्या था गुनाह
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कोर्ट के सजा के बारे में आपने कई बारे सुना होगा। लेकिन कोर्ट के जिस सजा की हम आज बात करने जा रहे है उसके बारे में शायद आपने नहीं सुना हो। जी हां मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना (panna) से एक खबर आयी है।

पन्ना: कोर्ट के सजा के बारे में आपने कई बारे सुना होगा। लेकिन कोर्ट के जिस सजा की हम आज बात करने जा रहे है उसके बारे में शायद आपने नहीं सुना हो। जी हां मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना (panna) से एक खबर आयी है। दरअसल यहां 6 साल पहले हुए एक बस हादसे पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। आपको बता दें कि 6 साल पहले हुए एक बस हादसे में 22 यात्री जिंदा जल गए थे।

190 साल की कैद की सजा

इस दिल दहला देने वाले बस हादसे में कोर्ट ने बस ड्राइवर को दोषी पाया है। अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनकर ने बस के ड्राइवर शमसुद्दीन (47 वर्ष) को 190 साल की कैद की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि ड्राइवर को हर काउंट पर 10-10 साल की अलग-अलग सजा सुनाई गई है। इतना ही नहीं बल्कि कोर्ट ने बस मालिक ज्ञानेंद्र पांडेय को भी दोषी पाया है।

अब बस के मालिक को भी कोर्ट ने 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। ड्राइवर शमसुद्दीन को IPC की धारा 304 के भाग-2 के तहत दोषी पाया गया है। इस मामले पर 6 साल लंबी सुनवाई के बाद अब फैसला आया है। बता दें कि ड्राइवर और बस मालिक दोनों सतना जिले के रहने वाले हैं।

बस हादसा

आपको बता दें कि यह बस हादसा 4 मई 2015 को मंडला में नेशनल हाइवे पर पांडव फॉल के पास हुआ था। ये हादसा बहुत भयानक था। अनूप ट्रेवल्स की बस MP 19P 0533, बीस फीट नीचे गिरकर पलट गई थी। 32 सीटों वाली बस छतरपुर से करीब 12 बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई थी।

एक घंटे के बाद बस पन्ना जिले में पांडव फॉल के पास एक पुल पर पहुंची, इसके बाद जहां ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया। इसके बाद बस करीब आठ फीट नीचे खाई में गिर गई। खाई में गिरने के बाद उसमें आग लग गई और ये हादसा इतना भयंकर था कि 22 यात्री जिंदा जल गए थे।

6 लंबी चली कार्यवाही

आपको बता दें कि बस मालिक ज्ञानेंद्र पांडेय और ड्राइवर शमसुद्दीन उर्फ जगदम्बे के खिलाफ IPC की धारा 279, 304ए, 338, 304/2 और 287 तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 182, 183, 184 और 191 के तहत पुलिस ने अपराध दर्ज किया था। अब 6 साल चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

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