कोलकाता

नागरिकता कानून: ममता की अपील के बावजूद क्यों जला बंगाल ?

Special Coverage News
15 Dec 2019 10:09 AM IST
नागरिकता कानून: ममता की अपील के बावजूद क्यों जला बंगाल ?
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कोलकाता न्यूज़: राज्य के चार जिलों में तनाव के हालात हैं। मुर्शिदाबाद, हावड़ा, मालदा और उत्तर 24 परगना जिले हिंसा के केंद्र में हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने 17 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही पांच ट्रेनों को भी फूंक दिया गया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ हिंसक विरोध तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद आगजनी और हिंसा की घटनाएं थमी नहीं है। हिंसक प्रदर्शनों की आंच से राज्य के चार जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। विरोध कर रहे लोगों के निशाने पर बसें, ट्रेन, पुलिस की गाड़ियां और रेलवे स्टेशन हैं। कई जगह पुलिस से हिंसक झड़प की भी खबर है। हिंसक प्रदर्शनों की वजह से लंबी दूरी की 28 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।

4 जिलों में तनाव, 17 बसें-5 ट्रेनें फूंकीं

राज्य के चार जिलों में तनाव के हालात हैं। मुर्शिदाबाद, हावड़ा, मालदा और उत्तर 24 परगना जिले हिंसा के केंद्र में हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने 17 बसों को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही पांच ट्रेनों को भी फूंक दिया गया। हिंसा के दौरान पुलिस की गाड़ियों और फायर ब्रिगेड को निशाना बनाने के साथ ही आधा दर्जन रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच आमने-सामने भिड़ंत हो गई। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में बच्चों को ढाल बनाकर पुलिस पर हमला करने की जानकारी सामने आई है।

ममता बनर्जी की कड़ी चेतावनी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कानून तोड़ने वालों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। शांति की अपील करते हुए सीएम ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है, 'कानून अपने हाथ में मत लें। रोड ब्लॉक करके या ट्रेन रोककर सड़कों पर निकले आम लोगों के लिए परेशानी न खड़ी करें। सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। जो भी गड़बड़ी फैलाते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'



नैशनल-स्टेट हाइवे ठप, ट्रेनें रद्द

नैशनल और स्टेट हाइवे ठप होने की वजह से राज्य में हजारों मुसाफिर फंस गए हैं। लंबी दूरी की कम से कम 28 ट्रेनों को रद्द किया गया है। इसके साथ ही 50 लोकल ट्रेनें भी कैंसल कर दी गई हैं। कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा है। हावड़ा में कोना एक्सप्रेस-वे हिंसक प्रदर्शनों का केंद्रबिंदु बना हुआ है। यहां प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों को उतारकर 17 सिटी बसें फूंक दीं। बता दें कि यह इलाका राज्य सचिवालय से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक कि भीड़ ने आग बुझाने आ रही फायर ब्रिगेड का रास्ता रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करते हुए कई गाड़ियों को जला दिया, जिससे यहां पांच घंटे तक ट्रैफिक बंद रहा।

यात्रियों से लूटपाट, बस से उतारकर पीटा

कई यात्रियों का कहना है कि उनसे लूटपाट भी की गई है। दुर्गापुर के सौमेन पाठक ने बताया, 'मैं अपनी 73 साल की मां के साथ मेडिकल चेकअप के लिए कोलकाता जा रहा था। हमें जबरन अपना सामान निकाले बगैर बस से उतारकर पीटा गया। इसके बाद भीड़ ने बस को जला दिया। आग में हमारे बैग जल गए, जिसमें मां की कई मेडिकल रिपोर्ट थी।'

संकरेल स्टेशन निशाने पर, हावड़ा में ट्रांसपॉर्ट ठप

हावड़ा में शेखपुरा से मौखाली को जोड़ने वाला दो किलोमीटर का इलाका युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गया है। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। भीड़ ने संकरेल रेलवे स्टेशन को भी निशाना बनाया और यहां टिकट काउंटर के साथ ही सिग्नल (पैनल) रूम को जला दिया। प्रदर्शनकारियों ने इसके अलावा सलप में एनएच-6 और बौरिया, नोलपुर और बगनान में रोड जाम कर दी, जिससे पूरे हावड़ा में आवागमन ठप है। प्रदर्शनकारियों ने उत्तर से लेकर दक्षिणी बंगाल में कई पॉइंट्स पर नैशनल हाइवे-34 को ब्लॉक कर दिया।

मुर्शिदाबाद में 5 खाली ट्रेनें फूंकीं

हिंसा के दौरान मुर्शिदाबाद का लालगोला स्टेशन बर्बाद हो गया है। कृष्णापुर स्टेशन पर पांच खाली ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। जंगीपुर रेलवे स्टेशन पर भीड़ के पथराव में हेड कॉन्स्टेबल संतोष कुमार दास गंभीर रूप से घायल हो गए। नीमतीता स्टेशन के टिकट काउंटर पर तोड़फोड़ की गई। मालदा में भी इसी तरह का हिंसक मंजर देखने को मिला है। हरिश्चंद्रपुर स्टेशन पर टिकट काउंटर और सिग्नल रूम पर हमला बोला गया। भीड़ ने कटिहाल-मालदा एक्सप्रेस ट्रेन को भी निशाना बनाया।

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