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बंगाल में ममता बनर्जी कोरोना से लड़ने के लिए उठा रही लगातार ये कदम
कोरोना के संक्रमण के चलते 14 अप्रैल तक देश भर में पूरी तरह से लॉकडाउन है. ऐसे में कोरोना वायरस से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरी तरह से मुस्तैद ही नहीं, बल्कि अपने सूबे के लोगों को भी जागरूक करने के लिए जगह सड़क पर उतरी तो राज्य से बाहर फंसे हुए लोगों को बचाने की कवायद भी कर रही हैं. इस तरह से बंगाल में ममता बनर्जी एक के बाद एक कोरोना से लड़ने के लिए लगातार कदम उठा रही हैं.
बंगाल में कोरोना संक्रमण की स्थिति
देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. भारत में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या 700 के पार पहुंच गई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक भारत में कोरोना से 18 लोगों की मौत भी हो चुकी है. महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों के कोरोना महामारी की तुलना में पश्चिम बंगाल की स्थिति फिर भी बेहतर हैं. बंगाल में अभी तक कोरोना संक्रमण के 10 मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है. इसके बावजूद ममता बनर्जी ने पूरे राज्य में लॉकडाउन कर रखा है और खुद मुंह पर रुमाल बांधकर सड़कों पर उतरकर जायजा ले रही हैं.
सड़क पर ममता बनर्जी
ममता बनर्जी गुरुवार को खुद जागरूकता फैलाती दिखीं. कोलकाता के एक सब्जी बाजार में एक दुकान पर ममता बनर्जी जमीन पर गोला बनाकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग समझा रही थीं. खुद चेहरे पर रुमाल बांधे ममता बनर्जी ने लोगों को दूर-दूर रहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की हिदायत दे रही थीं. इस दौरान वह खुद लगभग एक मीटर की दूरी पर कई गोले बनाती रहीं और लोगों को समझाती रहीं कि सोशल डिस्टेंसिंग कितनी जरूरी है.
बंगाल से बाहर फंसे लोगों की चिंता
लॉकडाउन के चलते पश्चिम बंगाल से बाहर अन्य दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को बचाने के लिए ममता बनर्जी ने देश के 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा. ममता ने पत्र में लिखा है, 'बंगाल के कई कामगार देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं जिनमें अर्द्ध कुशल और अकुशल दोनों श्रेणी के हैं. देश में कोरोना महामारी की वजह से पूरी तरह बंद के चलते पश्चिम बंगाल के कई कामगार वापस नहीं आ सके और विभिन्न जगहों पर फंस गए हैं, जिसके चलते हम उन्हें कोई मदद नहीं पहुंचा सकते. इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया अपने प्रशासन को उन्हें संकट के इस समय में बुनियादी आसरा, भोजन और चिकित्सा सहायता मुहैया कराने को कहें. हम बंगाल में में फंस गए ऐसे लोगों की देखभाल कर रहे हैं. '
छह महीने गेहूं-चावल फ्री
ममता ने लॉकडाउन से पहले ही अगले छह महीने तक राज्य में गेहूं और चावल मुफ्त देने का ऐलान कर दिया था. इससे पहले साढ़े सात करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 2 रूपये किलो के हिसाब से गेहूं-चावल दिए जा रहे थे, जिसे अब पूरी तरह से 6 महीने के लिए फ्री कर दिया है. इसके अलावा सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों की पूरी तरह से छुट्टी कर दी है.
डॉक्टर-नर्स के लिए होटल-लॉज की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश के डॉक्टर-नर्स के लिए होटल और लॉज में रहने की व्यवस्था की है, ताकि उन्हें सेवाएं प्रदान करने अस्पताल आने-जाने में सहूलियत हो सके. इसी तरह मानसिक रूप से असंतुलित बेघर लोगों को नाइट शेल्टर में ठहराने की व्यवस्था की गई है और वहीं पर उनके लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है.
ममता सरकार ने बनाया कंट्रोल रूम
कोरोना वायरस से बढ़ते खतरों को देखते हुए ममता बनर्जी ने 15 दिन पहले ही राज्य सचिवालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया था, जिसका नंबर 1070 है. कंट्रोल रूम तीन शिफ्ट में काम कर रहा है. इसी तरह हेल्पलाइन नंबर 0442214 भी चालू किया गया है. इन हेल्पलाइन नंबरों को लोग फोन करके अपनी परेशान को बंया कर रहे हैं और उसी आधार पर सरकार की ओर से मदद भी की जा रही है.
कोरोना बचाव में जुटे 10 लाख लोगों का बीमा
बंगाल की ममता सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 200 करोड़ रुपये के कोष की घोषणा पहले ही कर दी थी. इसके साथ सरकार ने कोरोना से बचाव में जुटे 10 लाख लोगों का पांच-पांच लाख रुपये का बीमा कराने का भी कराया है. इनमें डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी और अन्य चिकित्सा कर्मी शामिल हैं. कोरोना को लेकर देश में किसी राज्य सरकार की तरफ से उठाया गया यह अपनी तरह का पहला कदम है.
आर्थिक मदद के लिए अकाउंट नंबर जारी किया
कोरोना वायरस से लड़ाई में सरकार को आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बैंक अकाउंट नंबर जारी कर चुकी हैं. ममता ने कहा था कि कोरोना की वजह से लॉक डाउन है और व्यवसाय बंद है. ऐसी परिस्थितियों में राज्य के खजाने पर दबाव बढ़ गया है. इसीलिए आम लोगों से अपील है कि वे सरकार को आर्थिक मदद करने के लिए आगे आएं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से कोरोना संकट से निपटने के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग किया था. राज्य सरकार की तरफ से इस बार अप्रैल-मई का सामाजिक पेंशन भी एक साथ देने का ममता ने फैसला किया है.
लॉकडाउन में होम डिलीवरी
लॉकडाउन के बीच ममता बनर्जी अपने राज्यों के लोगों होम डिलीवरी की सुविधा दे रखी है. इसी तरह सब्जी फल, खाने-पीने का सामान, दवाएं सहित जरूरत की चीजों को लोगों के घर-घर पहुंचाया जा रहा है ताकि वो अपने घरों में रहें. साथ ही ममता ने पुलिस को कहा कि खेतों में काम कर रहे लोगों को भी रोका न जाए, हालांकि इस बात का ध्यान रखा जाए कि वे एक-दूसरे से दूरी बनाकर काम करें।
घरेलू उड़ानों की रोक की उठाई थी मांग
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर घरेलू विमान सेवाओं को भी पूरी तरह बंद करने का अनुरोध किया था. ममता की चिट्ठी के बाद ही शाम को सभी तरह के घरेलू उड़ानों को रोक दिया था. इससे पहले मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बंगाल आने वाली सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद करने की भी मांग की थी. कोरोना के चलते बंगाल सरकार ने अंतरराज्यीय बस सेवाओं को पहले ही बंद कर दिया था.
लॉकडाउन के दौरान मिड डे मील
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने लॉकडाउन के बंगाल के सभी स्कूल-कॉलेज और संस्थान बंद है. ऐसे में ममता सरकार स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिड डे मील के तहत चावल और आलू दे रही हैं. प्रदेश सरकार ने दो लाख एन-95 मास्क, दो लाख सामान्य मास्क, 10,000 थर्मल व 300 वेंटीलेटर मंगवाया है. बंगाल के सभी निजी अस्पतालों, नर्सिग होम व लैब से भी अपील की कि वे किसी मरीज को पैसे के अभाव में लौटाए नहीं, क्योंकि लोगों की जान सबसे जरूरी है.