कोलकाता

बगावती तेवर के बाद MP शताब्दी रॉय को ममता दीदी से मिला 'तोहफा', TMC की बनीं उपाध्यक्ष

Arun Mishra
17 Jan 2021 11:17 AM GMT
बगावती तेवर के बाद MP शताब्दी रॉय को ममता दीदी से मिला तोहफा, TMC की बनीं उपाध्यक्ष
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सांसद शताब्दी रॉय पार्टी में अनदेखी के चलते बीते सप्ताह पार्टी से नाराज बताई जा रही थीं।

कोलकाता : पिछले सप्ताह तक अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नाराज चल रही सांसद शताब्दी रॉय को ममता बनर्जी ने शानदार तोहफा दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने शताब्दी रॉय को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें कि बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय पार्टी में अनदेखी के चलते बीते सप्ताह पार्टी से नाराज बताई जा रही थीं। इस बीच उनके पार्टी छोड़ने की भी बातें सामने आ रही थी। लेकिन ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी से मुलाकात के बाद शताब्दी के बागी तेवरों में नरमी आ गई थी। शताब्दी रॉय पहली बार साल 2009 में तृणमूल कांग्रेस की ओर से बीरभूम से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। इसके बाद साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी वह इसी सीट से सांसद बनीं।

शताब्दी रॉय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी में खुद को नीचा दिखाए जाने को लेकर दुख जाहिर किया था। उन्होंने इंडिया टीवी के साथ फोन पर बातचीत में टीएमसी के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था। उन्होंने बताया कि बीरभूम में टीएमसी के कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया जाता है। कहां कार्यक्रम हो रहा है यह भी उन्हें नहीं बताया जाता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि गृहमंत्री और भाजपा नेता अमित शाह के साथ उनकी बातचीत होती रहती है लेकिन इसका कोई अर्थ न निकाला जाएं।

दरअसल फेसबुक पर शताब्दी रॉय फैन क्लब अकाउंट पर उनके नाम से एक पोस्ट डाला गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा और उन से काम नहीं लिया जा रहा इससे वह बहुत दुखी हैं और 16 जनवरी को अपना निर्णय बताएंगी। तभी से अटकलें लगनी शुरू हो गई कि शताब्दी रॉय पार्टी छोड़कर बीजेपी में जा सकती है। रॉय ने इंडिया टीवी के साथ बातचीत में स्वीकार किया कि यह पोस्ट उन्होंने ही डाला है।

पोस्ट में लिखा है, ''बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं बीरभूम में पार्टी के कार्यक्रमों से गायब क्यों रहती हूं। मैं इन कार्यक्रमों का हिस्सा कैसे बनूं जब मुझे इनके शेड्यूल को लेकर कोई जानकारी ही नहीं होती? मुझे लगता है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं इन कार्यक्रमों में शामिल रहूं। मैं इससे काफी दुखी हूं। इसलिए मैं इस नए साल में एक ऐसा फैसला लेना चाहती हूं जो मुझे लोगों के साथ पूरी तरह जुड़ने में मदद करेगा। ''

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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