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पश्चिम बंगाल का एक ऐसा रेलवे स्टेशन,जहां कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर महिला भूत देखने का दावा करते है जानिए इस रिपोर्ट के अनुसार
पश्चिम बंगाल में बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन। यह रेलवे स्टेशन पुरुलिया जिले में है। संथाल की रानी लाचन कुमारी के प्रयासों से वर्ष 1960 में यह रेलवे स्टेशन खोला गया था। शुरुआत में यहां सब ठीक रहा लेकिन करीब 7 साल बाद एक कर्मचारी ने रेलवे स्टेशन पर महिला का भूत देखने का दावा किया। उस रेलवे कर्मचारी ने दूसरे साथियों को इस बारे में बताया। उसकी इस बात का कुछ और लोगों ने भी सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि एक महिला रेल से कटकर मर गई थी। तब से उसका भूत रेलवे स्टेशन पर भटक रहा है। हालांकि रेलवे के अफसरों ने उसकी बातों को अनदेखा कर दिया।
कुछ समय बाद बेगुनकोडोर के स्टेशन मास्टर और उनका परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया। उनकी मौत कैसे हुई, ये कोई नहीं जान पाया। कुछ अर्से बाद रेलवे ने दूसरे स्टेशन मास्टर को भेजा लेकिन वह भी सही ढंग से रह नहीं पाया। लोगों का दावा था कि पिछले स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की मौतों में उसी भूत का हाथ था। इस घटना से दहशत में आए लोगों का कहना था कि शाम होने के बाद जब भी कोई ट्रेन यहां से गुजरती थी तो महिला का भूत उसके साथ-साथ दौड़ने लगता था। कई बार तो वह भूत ट्रेन से भी तेज दौड़कर उसके आगे निकल जाता था।
कई लोगों का दावा था कि उन्होंने एक महिला के भूत को ट्रेन के आगे पटरियों पर नाचते हुए भी देखा था। कहा जाता है कि उस वक्त जब भी कोई ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती थी तो लोको पायलट स्टेशन आने से पहले ही ट्रेन की गति बढ़ा देते थे जिससे वे जल्द से जल्द इस स्टेशन को पार कर सकें। हस्यमयी साये की वजह से करीब 40 साल तक ये स्टेशन बंद रहा। इसके बाद तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर वर्ष 2009 में इस स्टेशन को फिर से खोला गया। उसके बाद से यहां पर ट्रेनें चलने लगी हैं और स्टाफ की भी तैनाती हो चुकी है। फिलहाल यहां करीब 10 ट्रेनें रुकती हैं लेकिन लोगों में उस साये का डर इतना है कि शाम होने के बाद स्टेशन सुनसान हो जाता है। वहीं अधिकतर स्टेशन कर्मचारी भी रात होने से पहले उसे छोड़कर घर निकल जाते हैं।