पश्चिम बंगाल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में नहीं है कोई सुधार

Shiv Kumar Mishra
25 Aug 2020 3:28 PM IST
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में नहीं है कोई सुधार
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पिछले कई दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे है

दिल्ली केंट आर्मी अस्पताल (R & R) के द्वारा जारी किये गये बुलेटिन में बताया गया है कि कल से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फाइल तस्वीर में) की मेडिकल स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं और उनके महत्वपूर्ण पैरामीटर स्थिर हैं. उनके स्वास्थ्य में अभी कोई बदलाब नहीं हो रहा है. उन्हें अस्पताल के सघन चिकित्सा प्रणाली के अंदर रखा गया है.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पिछले कई दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे है. जहाँ उनकी तबियत फिलहाल खराब चल रही है. उनको एक सर्जरी के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया था. जिसके बाद उनको इलाज के दौरान ही कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया. तब से लेकर अब तक उनके हालत में कोई सुधार नजर नहीं आया है.

अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक उनकी तबियत स्थिर बनी हुई है. अभी उनके हालत में कोई बदलाब नहीं हो रहा है. उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया हैं और उनके महत्वपूर्ण पैरामीटर स्थिर हैं.

प्रणव कुमार मुखर्जी का जन्म: 11 दिसम्बर 1935, पश्चिम बंगाल में हुआ था.प्रणव दा के नाम से मशहूर मुखर्जी भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रह चुके हैं. 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया. सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया था.

उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. प्रणब मुखर्जी ने किताब 'द कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012' लिखा है.

प्रारम्भिक जीवन

प्रणव मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में किरनाहर शहर के निकट स्थित मिराती गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी मुखर्जी के यहाँ हुआ था.उनके पिता 1920 से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय होने के साथ पश्चिम बंगाल विधान परिषद में 1952 से 64 तक सदस्य और वीरभूम (पश्चिम बंगाल) जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके थे. उनके पिता एक सम्मानित स्वतन्त्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत के परिणामस्वरूप 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा भी काटी थी.

उनके बेटे और बेटी दिल्ली एम् रहते है. बेटे अभिजित मुखर्जी कांग्रेस के बंगाल से लोकसभा सांसद भी रह चुके है जबकि बेटी शर्मिष्ठा पिछले चुनाव में दिल्ली विधानसभा का चुनाव हार गई.

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