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West Bengal: घायल डॉक्टरों का खर्च उठाएगी राज्य सरकार
पश्चिम बंगाल। ममता बनर्जी को अपने रुख मे बदलाव करते हुए डॉक्टरों के सामने झुकना पड़ा है । पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मेैं डाक्टरो के प्रति आवश्यक कदम उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य ने निजी अस्पताल में भर्ती जूनियर डॉक्टर के चिकित्सा उपचार के सभी खर्चों को वहन करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार जल्द से जल्द सामान्य चिकित्सा सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। 10 जून की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। हमने लगातार एक समाधान तक पहुंचने की कोशिश की थी। ममता बनर्जी कहा कि मैं सभी डॉक्टरों से काम फिर से शुरू करने की अपील करती हूं क्योंकि हजारों लोग चिकित्सा उपचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमने उनकी सभी मांगें मान ली हैं। मैंने अपने मंत्रियों, प्रधान सेक्रेटरी को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था, कल और आज डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक संस्था को सम्मान देना होगा।
बतादें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों के हमले में दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद मंगलवार को राज्य में डॉक्टरों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने इमरजेंसी को छोड़कर ओपीडी और अन्य सुविधाओं को ठप कर दिया है। उनकी हड़ताल का असर पूरे देश में देखा जा रहा है। अन्य राज्यों के डॉक्टर्स भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं।
पश्चिम बंगाल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट को आगे आना पड़ा। हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कहा है कि वह तुरंत हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। शुक्रवार को इस मसले पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की ओर से राज्य की ममता बनर्जी सरकार से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बात करने को कहा गया और बातचीत से पूरा समाधान करने को कहा गया है. गौरतलब है कि गुरुवार को ही डॉक्टरों ने ऐलान किया था वह हड़ताल पर जाएंगे और शुक्रवार सुबह ऐसा ही हुआ।