अबिंकापुर। रेस्टोरेंट मे खाने वालों के लिए एक अच्छी खबर आ रही वो खाना फ्रि में लेकिन उन लोगों एक काम करना होगा जो हमारे लिए और आने वाले दिनों के लिए सही होगा तो पर्यावरण के लिए तो बेहद ही उचित है। तो आज हम आपको एक ऐसे रेस्टोरेंट के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां खाने के बदले में पैसे नहीं लिए जाते। छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर बेहद ही नामी-जामी शहर है। इसका नाम हिन्दू देवी अम्बिका के नाम पर रखा गया है। जनश्रुतियों के अनुसार अम्बिकापुर का पुराना नाम बैकुण्ठपुर था। सरगुजा जिले के अन्य शहर हैं - रामगढ़, महेशपुर, कुदरगढ़, भैयाथान, मेनपाट, टाटापानी, पहाड़ इत्यादि। भारत में यह शहर साफ- सफाई के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। अब इस शहर ने एक बेहद ही उम्दा कदम उठाया हैं जो एक भूखे को खाना और प्रकृति को बचाने का काम करेगा।
अबिंकापुर नगर निगम के कमिश्नर मनोज सिंह और उनकी बेटी कामयानी ने एक ऐसा कैफे खोला है, जिसमे 1 किलोग्राम प्लास्टिक देने पर खाना मुफ्त में मिलेगा। वहीं 1.5 किलो प्लास्टिक देने वाले व्यक्ति को सुबह का नाश्ता भी दिया जाएगा। इस कैफे का मकसद ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक इकठ्ठा करना है। इन प्लास्टिक का इस्तेमाल रोड़ बनाने के लिए किया जाएगा। इस कैफे का नाम 'गार्बेज कैफे' है।
छत्तीसगढ़ में पहले भी प्लास्टिक के कचरे से सड़क बन चुकी है। अबतक भारत में लगभग 100000 किमी प्लास्टिक की सड़के हैं। प्लास्टिक एक गैर बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है। इसके इस्तेमाल से पर्यावरण को बेहद हानि पहुंचती है। नए शोध के मुताबिक प्लास्टिक की सड़के सामान्य सड़को के मुताबिक तीन गुना लंबे समय तक चलती हैं।
अगर आप भी इस कैफे के खाने का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आपको छ्त्तीसगढ़ के सर्गुजा जिला जाना पड़ेगा। अंबिकापुर जाने के लिए कोई भी सीधी बस, ट्रेन और हवाई जहाज नहीं है। अंबिकापुर जाने के लिए आप नई दिल्ली से वाराणसी के लिए एंडिगो एयरलाइंस ले सकते हैं। इसके बाद वाराणसी से आपको इंडिका एयरलांइस लेनी पड़ेगी जो सीधी अंबिकापुर जाती है।