यह घटना दो सप्ताह पहले की है, अलीगढ़ में पहले प्रेमी की हत्या और फिर एटा में बेटी को गोली मारकर घायल कर देने जैसी दोहरी वारदातों का राज पुलिस के समक्ष घायल बेटी ने खोल दिया। उसने खुलकर पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया। बेटी ने अपने माता-पिता और मामा को दोषी ठहराया है। उसके सामने ही प्रेमी की पीट-पीटकर मां-बाप और मामा ने हत्या कर दी थी। इसके बाद तीनों आरोपित बेटी को कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव सरावल ले आए, जहां से लाकर मलावन क्षेत्र में उसे भी गोली मारकर घायल कर दिया। बेटी ने जो कहानी पुलिस को बताई है वह रोंगटे खड़े करने वाली है।
एटा में कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव बारथर के मूल निवासी अफरोज का परिवार कुछ वर्षों से अलीगढ़ के हमदर्द नगर जमालपुर में रहता है। अफरोज प्रोपर्टी और टायल्स का काम करता है। उसके यहां जमालपुर का ही रहने वाला आमिर भी काम करता था। आमिर और अफरोज की बेटी निशा के बीच प्रेम संबंध हो गए। अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती निशा ने पुलिस को बताया कि उसके परिवार को प्रेम संबंधों के बारे में पता चल गया था। पांच दिन पूर्व मेरे पिता ने आमिर को किसी तरह घर बुला लिया और फिर अफरोज, मां नूरजहां और मामा इशाक ने उसे लाठी-डंडों से पीटा। निशा का कहना है कि वह चीखती चिल्लाती रही तो उसका मुंह बंद कर दिया गया। आमिर की हत्या मेरे सामने ही कर दी गई और शव को ले जाकर फेंक दिया। उसी दिन तीनों आरोपित निशा को ननिहाल सरावल ले आए, जहां दो दिन तक रखा गया और किसी से भी नहीं मिलने दिया गया।
निशा का कहना है कि जिस रात उसे गोली मारी गई, उस रात मेरे माता-पिता और मामा यह कहकर सरावल से मुझे ले आए कि अलीगढ़ चल रहे हैं। हम लोग दो बाइकों पर थे जब छछैना से नहर की पटरी की तरफ मोटरसाइकिल मुडी तो निशा ने पूछा कि यह अलीगढ़ का रास्ता नहीं है। लेकिन कोई कुछ बोला नहीं। मुझे कुछ शक तो हुआ था, लेकिन बेवश थी। मेरे मां-बाप को यह खतरा था कि मैं पुलिस को आमिर की हत्या का राज बता दूंगी। इसलिए अलीगढ़ से सरावल लाया गया। सरावल से भी अन्य रिश्तेदारियों में ले जाने का प्लान था मगर रिश्तेदार मुझे रखने को तैयार नहीं हुए। इसलिए भी मुझे भी ठिकाने लगाने की कोशिश की गई। एसएसपी स्वपनिल ममगाई ने कहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी को पुलिस टीमें लगा दी गई हैं शीघ्र गिरफ्तारी कर ली जायेगी।