JNU हिंसा की आरोपी आईशी घोष को कोर्ट ने सुनाई नहाने की सज़ा , पत्रकारों के सामने फूट फूट कर रोई

Update: 2020-01-12 04:00 GMT

दिल्ली पुलिस ने आखिरकार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की जांच पूरी कर गुत्थी सुलझा ली। और सामने जो तथ्य निकल कर आया उसने सबको हैरान कर दिया, क्योंकि जो ऐशे घोष अपने आपको हिंसा की पीड़ित बताकर हिंसा के खिलाफ आंदोलन कर रही थी वो खुद ही cctv कैमरों में हिंसा करती दिखी।

मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सबसे पहले ऐशे घोष को बुलावा भेजा मगर जब वो कोर्ट में उपस्थित हुई तो उनकी बदबू कोर्ट के जज की नाक में दम कर दिया। गुस्साए जज ने भी ऐशे घोष को पहली फुरसत में नहाने की सज़ा दी और कहा बाकी सज़ा तब ही सुना पाएंगे जब कोर्ट रूम में वो नहा कर आएंगी।

यह सुनकर घोष फूटफूटकर रोने लगी और बाहर आ कर पत्रकारों से बात करते हुए कहा "हमारी पार्टी में आगे बढ़ने मैंने बरसों से स्नान नहीं किया मगर कोर्ट ने जो सज़ा दी है यह मेरा कैरियर तबाह कर देगा। इसलिए मैंने वकील से बात की है और पुनर्विचार की याचिका दायर कर दी है मुझे कानून पर पूरा भरोसा है, लाल सलाम।"

JNU के वामपंथी संगठन कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ फिर प्रदर्शन करने जा रहे हैं और सभी बॉलीवुड वालों फिर इस फैसले का विरोध यह कह कर किया कि लोकतंत्र में नहाना या न नहाना एक व्यक्तिगत स्वतंत्रता है इसे नहीं छीना जाना चाहिए।

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