60 बच्चों का पिता निकला एक ही शक्स, एक-दो नहीं बल्कि सभी बच्चे हमशक्ल, लेकिन कैसे?
ऑस्ट्रेलिया में एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े 60 लोगों के बच्चे एक जैसी ही शक्ल के निकले हैं। जिसके बाद छानबीन में पता चला कि सबने एक ही स्पर्म डोनर से स्पर्म लिया था, जिसकी वजह से बच्चे हमशक्ल पैदा हुए।
बता दे कि आईवीएफ तकनीक से माता-पिता बने एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े 60 लोगों के बच्चे एक जैसी शक्ल के हो गए हैं।
आपने 'विक्की डोनर' फिल्म देखी होगी, जिसमें एक शख्स अपना स्पर्म डोनेट करता है। साथ ही इसके बदले पैसे लेता है। जिसके बाद एक दिन वह यही काम करते-करते वह काफी अमीर हो जाता है। बता दे कि दुनिया में बहुत सारे लोग यह काम कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि स्पर्म बर्बाद करने से अच्छा है कि किसी के घर में खुशियां आ जाए। लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में एक सनसनीखेज मामला सामने आया। जब ये पता चला कि 60 बच्चों का बाप एक ही है। वो भी तब जब वे एक पार्टी में मिले तो एक दो नहीं, बल्कि सभी बच्चे हमशक्ल थे। जिसे देखकर- दंपति के पैरों तले जमीन खिसक गई। तो आखिर यह हुआ कैसे ? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट मे.
आपको बता दे कि, m एक स्पर्म डोनर ने LGBTQ+ समुदाय के कई सदस्यों को स्पर्म डोनेट कर डाला था। बता दे आमतौर पर यह संभव नहीं होता और नियम के अनुसार एक बार में केवल एक ही डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन उसने चार अलग-अलग नाम बताकर कई माता-पिता को अपना स्पर्म डोनेट कर दिए। जब बच्चे पैदा हुए तब तक तो सब ठीक था। लेकिन हाल ही में जब एक गेट टुगेदर पार्टी में सब मिले तो सभी पेरेंट्स हक्के बक्के रह गए। साथ ही इन परिवारों में दूर दूर तक कोई रिलेशन नहीं था फिर भी 60 बच्चों की शक्ल एक जैसी ही थी। जिसके बाद में जब इसका कारण पता चला तो वे सभी हैरान रह गए।
बता दें कि LGBTQ+ समुदाय से जुड़े 60 जोड़े IVF तकनीक के जरिए पेरेंट्स बने थे। साथ ही इनके 60 से अधिक बच्चे इस तकनीकी से पैदा हुए थे। लेकिन सच का पता चलने के बाद सभी पेरेंट्स भागते-भागते अस्पताल पहुंचे। जहां पर कहानी कुछ और ही निकली। जब पता चला कि एक ही स्पर्म डोनर ने अलग-अलग क्षेत्रों के अस्पताल में स्पर्म डोनेट किए थे। साथ ही उसने हर जगह अपना नाम अलग-अलग बताया ताकि कानून के हिसाब से वो पकड़ में न आ पाए।
बता दे कि पेरेंट्स ने पूरे ऑस्ट्रेलिया में आईवीएफ क्लीनिक से उस व्यक्ति के बारे में पूछताछ की थी। सिडनी स्थित 'फर्टिलिटी फर्स्ट' की डॉ एनी क्लार्क ने कहा कि उस शख्स ने केवल एक बार हमारे क्लिनिक में स्पर्म डोनेट किया था। पर वह दावा करता था कि उसने फेसबुक के जरिए एड निकाला और तमाम लोगों को स्पर्म डोनेट किए हैं। यानी कुछ क्लीनिक ने डोनर के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। उसने दो फेसबुक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एड देकर लोगों को फंसाया था। बता दे कि ऑस्ट्रेलिया में स्पर्म डोनेशन में धोखाधड़ी गैरकानूनी है और ऐसे मामलों में आरोपी के दोषी साबित होने पर 15 साल तक जेल की सजा देना का भी प्रावधान है।