इस वायरल वीडियो को देखकर कहा जा सकता है कि खुशियां और शौक कभी उम्र के मोहताज नहीं होती है
खुशियां और शौक कभी उम्र के मोहताज नहीं होते. उम्र चाहे जो हो खुशी पर आपका हमेशा उतना ही अधिकार होता है जितना बचपन और जवानी में. लेकिन बढ़ती उम्र और जिम्मेदारियों के साथ लोग बचपन खोते जाते हैं. खुद पर उम्र को हावी होने का पूरा मौका देते हैं. फिर पता ही नहीं चलता कब शौक और खुशियां दिल में दबे रह गए. लेकिन हमेशा याद रखें बचपना सिर्फ बचपन में ही नहीं होता. पछपन की उम्र पार कर भी बचपन को जीना जिंदादिली कहलाता है.
इंस्टाग्राम pala_achayan_achayathe पर शेयर एक वीडियो लोगों का दिल छू रहा है, जिसमें बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष पार्क में झूला झूलते दिखाई दे रहे हैं. बचपन को दोबारा जीने का आनंद उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है. दादी दादा के चेहरे का सुकून आम लोगों को भी खुश होने का मौका दे रहा है. इस वीडियो पर मलयालम में लिखा है 'उम्र एक नंबर है'. पछपन पार भी ज़िंदा रखिए अपने अंदर का बचपन अपने आस पास किसी पार्क में या सोसाइटी के अंदर अक्सर हम झूले पर बच्चों को ही मौज-मस्ती करते देखते हैं.
और अपने आप ये धारणा बन जाती है कि पार्क तो बच्चों के ही खेलने की जगह है. बढ़ती उम्र के साथ बिना कहे ही हम खुद को हर चीज़ से पीछे खींचने लगते हैं. अपने बचपने को मारने लगते हैं. लेकिन वो तो हमेशा दिल के किसी कोने में बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा होता है. और वो बारी तब आती है जब इंसान अपनी सारी जिम्मेदारियों से आजाद हो जाता है. बच्चे बड़े हो जाते हैं और बच्चों के बच्चे अभी फिर से अपना बचपन याद दिलाने लग जाते हैं.