लघु कथा -विक्टोरिया सीक्रेट: आपको आप से बेहतर कोई और प्रेम कर ही नहीं सकता, जानिए कैसे!

Update: 2021-12-06 04:21 GMT


Kaynat Kazi

मैं लग्जरी लॉन्जरी की दुकान में उलट-पुलट करते हुए कुछ तलाश रही थी। यह वही दुकान है जहां से मैं अपने अंडर गारमेंट्स खरीदती आ रही हूं। दुकान की मालकिन जानती है मेरा ब्रांड मेरा साइज।

मैंने उससे कहा - "मुझे एक बहुत खूबसूरत सी लॉन्जरी चाहिए। इसका रंग गुलाबी हो और बड़ी ही नफीस और नाज़ुक किस्म की लेसेस लगी हो। जिसके स्ट्रैप पतले पतले हों और जिस में बैकलेस ड्रेस पहनने के लिए डिटैचेबल ट्रांस्पेरेंट स्टेप्स की गुंजाइश भी हो। उसमें डिटैचेबल पड्ज हों जिन्हें ड्रेस के मुताबिक़ हटाया या लगाया जा सके। जो नर्म तो हो लेकिन सपोर्ट के लिए फर्म भी हो। अंडर वायर हो तो अच्छा है लेकिन चुभती न हो।"

मेरी इतनी सारी ख्वाहिशों को वो बड़े ध्यान से सुन रही थी। फिर मेरी फिगर पर दौड़ती हुई नजर डालते हुए तहजीब से बोली - "मेम आपके साइज में ऐसी वाली लॉन्जरी नहीं आती है। आपको तो सपोर्ट वाली ब्रा के बारे में सोचना चाहिए।

मैंने मुस्कुराते हुए कहा - "मुझे मालूम है, लेकिन यह मैं अपने लिए नहीं खरीद रही हूं। यह मैं खरीद रही हूं। अपनी बेटी के लिए जिसने लॉन्जरी की इस हसीन दुनिया में नया नया कदम रखा है। और मैं नहीं चाहती कि मेरी बेटी इंतजार करें उस रिवायती सपने का कि एक दिन वह खास शख्स जिसको वह अपना सब कुछ सौप देगी उसके लिए जिंदगी की पहली खूबसूरत लॉन्जरी लेकर आएगा और उसे एक खूबसूरत स्त्री होने के अहसास से भर देगा।

यह हमारे जमाने में होता था कि जिंदगी का यह नर्म नाजुक सपना किसी बिना घोड़े पर आए राजकुमार के लिए लड़की देखा करती थी और उसका पति उसके सपने को पूरा करता था। तब तक वह बेचारी अपनी मम्मी या मौसी की लाई हुई ग्रोवर सन की बोरिंग लॉन्जरी पहना करती थी। जोकि हद दर्जे की मिस फिट होती थी बिल्कुल उस रिश्ते की तरह जिसे परिवार उसके लिए चुनता था।

हमारा देश आजकल महिलाओं के आत्मनिर्भर बनाने पर काम कर रहा है तो मैंने सोचा क्यों ना इसकी शुरुआत मैं अपनी बेटी के भावनात्मक आत्मनिर्भरता से करूं।

मेरे सामने उस लॉन्जरी की दुकान की मालकिन ने खूबसूरत लॉन्जरी का ढेर लगा दिया और मैंने छू कर, देख कर अपनी बेटी के लिए उसकी जिंदगी की पहली खूबसूरत लॉन्जरी का चुनाव किया।

अब विक्टोरिया सीक्रेट कोई सीक्रेट नहीं रहा था एक स्त्री को खूबसूरत महसूस करना उसका जन्मसिद्ध अधिकार है उसके कॉन्फिडेंस का पहला अध्याय जो कि एक मां से बेहतर उसे कौन पढ़ा पाएगा।

एक स्त्री अपनी सारी जिंदगी अपने प्रेमी को उस शिद्दत से प्रेम करती है जैसा प्रेम वह स्वमं के लिए पाना चाहती है। लेकिन निराशा होती है। क्योंकि सच तो यह है कि आपको आप से बेहतर कोई और प्रेम कर ही नहीं सकता तो जितना वक्त किसी और को प्रेम करने में बर्बाद किया जाए उससे बेहतर है कि वह समय खुद को संवारने में लगाया जाए।

मैंने लॉन्जरी के उस पैकेट को गिफ्ट रैप करवाया और घर की राह ली।

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